HuT आतंकी संगठन केस: भोपाल का सौरभ कैसे बना "सलीम"? परिवार ने कहा- जाकिर नाइक का हाथ!

कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब उत तहरीर को पहले तहरीक-ए-खिलाफत के नाम से जाना जाता था. इस संगठन का नेटवर्क दुनिया के 50 देशों में फैला हुआ है. इस संगठन का मकसद देश में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के बजाये इस्लामिक शरिया कानून लागू करना है. करीब 16 से अधिक देश इस संगठन पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.

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परिवार का कहना है कि बेटा कट्टर बन रहा था, जो जाकिर नाइक की तहरीरें सुनता था.

भोपाल:

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिज्ब उत तहरीर (HuT) आतंकी संगठन से जुड़े कई आरोपियों ने धर्म परिवर्तन किया है. भोपाल के करीब बैरसिया के रहने वाले सौरभ राजवैद्य धर्म परिवर्तन के बाद मोहम्मद सलीम बन गए. उनके पिता का आरोप है कि सौरभ ने डॉक्टर कमाल के संपर्क में आकर अपना धर्म बदला था. डॉक्टर कमाल को मध्य प्रदेश एटीएस ने गिरफ्तार किया है. परिवार का कहना है कि बेटा कट्टर बन रहा था, जो जाकिर नाइक की तहरीरें सुनता था. जाकिर नाइक इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन का संस्थापक और अध्यक्ष है. वह कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने के लिए विवादित चैनल 'पीस टीवी' का संस्थापक भी है. 

सौरभ के परिवारवालों से NDTV ने खास बातचीत की. परिवारवालों ने कहा कि बेटा कट्टरपंथी साहित्य पढ़ता है. 2010 में वो सीरिया जाना चाहता था. 2014 में जब पिता और बेटे का टकराव होने लगा तब पिता ने बेटे और पत्नी को घर से निकाल दिया. परिवार ने कहा कि बेशक बेटे ने धर्म परिवर्तन कर लिया है, लेकिन वो आतंकी नहीं हैं.

50 देशों में फैला है हिज्ब उत तहरीर का नेटवर्क
कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब उत तहरीर को पहले तहरीक-ए-खिलाफत के नाम से जाना जाता था. इस संगठन का नेटवर्क दुनिया के 50 देशों में फैला हुआ है. इस संगठन का मकसद देश में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के बजाये इस्लामिक शरिया कानून लागू करना है. करीब 16 से अधिक देश इस संगठन पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. उससे जुड़े सदस्यों पर देश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में मध्य प्रदेश एटीएस ने भोपाल से 10, छिंदवाड़ा से 1 और हैदराबाद से 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.

ब्रेनवॉश कराने वाले लोग उच्च शिक्षित लोग
राज्य के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्र ने कहा, "HuT में पकड़े गए लोगों में 7 का धर्म परिवर्तन कराया गया है. इनके बाद लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया. इनका ब्रेनवॉश कराने वाले लोग उच्च शिक्षित है. इससे इनके षड्यंत्र का पता चलता है." HuT के आतंकियों में पकड़ा गया प्रोफेसर ओवैसी की कॉलेज में पढ़ाता था. इसके कई और आरोपी भी हैं.

जाकिर नाइक पर बेटे को बरगलाने का आरोप
ऐसे ही एक आरोपी सलीम के घर एनडीटीवी की टीम भोपाल के बैरसिया इलाके में पहुंची. बूढ़े मां-बाप परेशान हैं. पिता डॉ. अशोक जैन आर्युवेद के डॉक्टर हैं. 4 बहने हैं. मां कहती हैं कि बेटे के जन्म में बहुत परेशानी हुई. आज ये दिन देखना पड़ रहा है. पिता छिंदवाड़ा से पकड़े गये डॉ. कमाल और जाकिर नाइक पर बेटे को बरगलाने का आरोप लगाते हैं.


ज़ाकिर नाइक के प्रतिनिधि ने कराया धर्म परिवर्तन
धर्म परिवर्तन करने वाले सौरभ के पिता डॉ. अशोक जैन कहते हैं, "बेटा 2010 में सीरिया जाना चाहता था. घर में कई बार विवाद हुआ. सौरभ घर में भगवान की मूर्तियां हटा देता था. तस्वीरें फाड़ देता था. 2010 -11 में ज़ाकिर नाइक का एक खास आदमी भोपाल आया. उसका स्वागत किया गया. उसने मेरे बेटे और बहू को कुछ पढ़वाया और जश्न मनाया गया. कहा गया कि अब आप मुसलमान हो. 2014 में बहू बुर्का पहनकर आ गई, तब बेटे और बहू को घर से निकाल दिया."

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19 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजे गए आरोपी
इस बीच एनआईए की अदालत ने हिज्ब-उत-तहरीर (Hut) से जुड़े पांच और सदस्यों को 19 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा है. आरोपियों की पहचान हैदराबाद निवासी मोहम्मद सलीम, अब्दुर रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद और मोहम्मद हमीद के रूप में हुई है. तेलंगाना पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर उन्हें 9 मई को गिरफ्तार किया था. बाद में इन आरोपियों को भोपाल लाकर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया.

आरोपियों में से 5  को हिंदू से मुस्लिम बनाया गया
सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों में से 5  को हिंदू से मुस्लिम बनाया गया था. इसमें मोहम्मद सलीम (पहले सौरभ राज वैद्य), अब्दुर रहमान (पहले देवी नारायण पांडा) और मोहम्मद अब्बास अली (पहले बेनू कुमार) शामिल थे. 9 मई को मध्य प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने राज्य के दो अलग-अलग जिलों से HuT से जुड़े 11 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया था. आरोपियों के खिलाफ यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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राज्य में अपना कैडर बनाकर दे रहे थे ट्रेनिंग
गिरफ्तार आरोपियों ने राज्य में अपना कैडर बनाना शुरू कर दिया था. उनका मकसद देश की शासन प्रणाली को इस्लाम विरोधी बताकर नौजवानों को संगठन से जोड़ना था. संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर, हिंसा फैलाकर खिलाफत कायम करना चाहते थे. पुलिस के मुताबिक आरोपी गुपचुप जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग, निशानेबाजी की प्रैक्टिस करते थे. हैदराबाद से लोग आकर उन्हें ट्रेनिंग देते थे. आपस में बातचीत के लिये वो डार्क वेब के ऐप जैसे रॉकेट चैट, थ्रीमा का उपयोग करते थे. वो ऐसे युवकों की पहचान करते थे जो थोड़े हिंसक प्रवृत्ति के हों, संगठन के लिये जान देने से भी जो ना हिचकें.

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