Exclusive: शिवराज सिंह का अग्निवीरों को नौकरी देने का आश्वासन, लेकिन पूर्व सैनिकों को रिजर्वेशन का क्या?

मध्यप्रदेश के पूर्व सैनिकों के लिए सरकार ने नियम बनाया था कि पुलिस भर्ती में उन्हें 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा, पूर्व सैनिक महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, पुलिस भर्ती में आरक्षण का वादा पूरा नहीं हुआ

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
ग्वालियर में अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने उग्र प्रदर्शन किया.
भोपाल:

अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) को लेकर नौजवानों तोड़फोड़ कर रहे हैं. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर और इंदौर जैसे शहरों में भी हिंसा (Violence) हो रही है. इस सबके बीच सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि राज्य में पुलिस भर्ती में वे अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे. यह बयान तब आया है जब पूर्व फौजी पुलिस भर्ती में 10 फीसदी कोटा न मिलने पर आंदोलन कर रहे हैं कोर्ट में जा चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चार साल के बाद ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना के अंतर्गत सेना में भर्ती होंगे, जिनको अग्निवीर कहा जाएगा, उन्हें हम मध्यप्रदेश की पुलिस भर्ती परीक्षा में प्राथमिकता देंगे.

हालांकि लगता है कि मध्यप्रदेश के संभावित अग्निवीरों ने मुख्यमंत्री की बातों को अनसुना कर दिया, यकीन करते भी तो कैसे? मध्यप्रदेश के पूर्व सैनिकों के लिए सरकार ने नियम बनाया था कि पुलिस भर्ती में उन्हें 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. पूर्व सैनिक महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, क्योंकि इस दफे पुलिस भर्ती में वादा पूरा नहीं हुआ.

प्रदेश में पुलिस भर्ती के लिए 6000 पद निकले थे. 601 पद एक्स सर्विसमैन के लिए आरक्षित होना थे, लेकिन हुए सिर्फ छह. यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट में है. 

मामला सिर्फ पुलिस भर्ती का नहीं है, सरकारी सपनों के सामने हकीकत ये भी है कि मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा, राज्य सेवा परीक्षा-2021 का प्रीलिम्स 19 जून को आयोजित होने जा रहा है, लेकिन 2019 व 2020 का अंतिम परिणाम अब तक घोषित नहीं हुआ है. साल 2019-20 के लगभग 10000 उम्मीदवार असमंजस में हैं. परीक्षा में देरी से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की उम्र निकल गई है.

अद्धसैनिक बलों के लिए 2018 में चयनित उम्मीदवारों के पैरों में छाले हैं, हाथ में तिरंगा है. वे 45 डिग्री की गर्मी में 50 से ज्यादा युवा नागपुर से दिल्ली की ओर चल पड़े हैं. इन उम्मीदवारों का कहना है कि वे पूरी प्रक्रिया में पास हैं लेकिन भर्ती नहीं हो रही है. उनकी टीशर्ट पर लिखा है ''वर्दी दो, या अर्थी दो.''

अकेले मध्यप्रदेश सरकार के पास एक लाख से ज्यादा स्वीकृत पद खाली हैं. बार-बार ऐलान होते हैं लेकिन शिक्षकों से लेकर पटवारियों तक के चयनित उम्मीदवारों को भी रोजगार नहीं मिल रहा है. वे धरना दे रहे हैं, लाठियां खा रहे हैं लेकिन सरकार से मिलती है तो बस तारीख.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Stalin और Revanth Reddy वाला दांव महागठबंधन के लिए उल्टा साबित होगा?