अजित पवार के बेटे से जुड़े जमीन घोटाले की जांच कराएं सीएम फडणवीस- शरद पवार

पूरा विवाद पुणे के मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि की कथित अवैध बिक्री से संबंधित है, जिसकी कीमत कथित तौर पर लगभग 1,800 करोड़ रुपये है. विपक्षी नेताओं का दावा है कि इसे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी ने केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा था और इसके लिए स्टांप शुल्क नहीं दिया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • शरद पवार ने अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़े भूमि सौदे की जांच सीएम फडणवीस से कराने की मांग की गई है
  • शरद पवार ने राजनीति और परिवार को अलग बताते हुए पवार परिवार के सदस्यों के बीच वैचारिक मतभेद भी स्वीकार किए
  • अजित पवार ने लेनदेन से अपना कोई संबंध होने से इनकार किया और कहा कि वो ऐसी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मुंबई:

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे पर अब शरद पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि मामला गंभीर है. इसलिए उन्हें जांच करवानी चाहिए और तथ्यों को समाज के सामने रखना चाहिए.

शरद पवार ने कहा कि प्रशासन, राजनीति और परिवार अलग-अलग हैं. एक परिवार के रूप में, हम (पवार) एक हैं, लेकिन हम वैचारिक रूप से विभाजित हैं. मेरे एक पोते ने अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, और अजित पवार की पत्नी ने मेरी बेटी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

वो अपनी बेटी सुप्रिया सुले की पार्थ पर की गई टिप्पणी से भी सहमत नहीं दिखे. सुले ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि पार्थ कुछ गलत करेंगे. जिस पर शरद पवार ने कहा, "यह उनका (सुप्रिया का) विचार हो सकता है."

जब शरद पवार से यह पूछा गया कि क्या आपको लगता है अजित पवार को महायुती में टारगेट किया जा रहा है, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा मुझे नहीं पता.

दरअसल यह पूरा विवाद पुणे के मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि की कथित अवैध बिक्री से संबंधित है, जिसकी कीमत कथित तौर पर लगभग 1,800 करोड़ रुपये है. विपक्षी नेताओं का दावा है कि इसे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी ने केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा था और इसके लिए स्टांप शुल्क नहीं दिया गया था.

कंपनी के एक साझेदार और एक सरकारी अधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन अजित पवार ने इस लेन-देन से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया.

उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले इस मामले के बारे में पता चला था और उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Vaishali: Strong Room का CCTV बंद, Video आया सामने..मचा बवाल | Bihar Elections | RJD | Tejashwi