कांदिवली पश्चिम महावीर नगर स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध की खबर सामने आने के बाद शुक्रवार सुबह बैंक के बाहर लोगों को लंबी लाइन लग गई. लाइन में लगा हर एक शख्स बैंक में जमा अपने पैसों के लिए परेशान नजर आया. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को शहर स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. आरबीआई के प्रतिबंधों की खबर जैसे इस बैंक के ग्राहकों को लगी वो बिना देरी किए आज सुबह बैंक पहुंच गए. हर कोई बस अपने खाते में जमा पैसे निकालने की उम्मीद से बैंक के बाहर खड़ा है. आरबीआई के आदेश के अनुसार एक ग्राहक इस बैंक से केवल पांच लाख रुपये ही निकाल सकता है. इसके अलावा ग्राहकों को लॉकर में रखे सामान को निकालने की अनुमति भी दी गई है.
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की ग्राहक सीमा वाघमारे ने अपना दुख बताते हुए कहा कि "हमने कल ही पैसे जमा किए थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. उन्हें हमें बताना चाहिए था कि ऐसा होने वाला है. वे कह रहे हैं कि हमें 3 महीने के भीतर हमारा पैसा मिल जाएगा. हमें ईएमआई चुकानी है, हमें नहीं पता कि हम यह सब कैसे करेंगे."
आखिर क्यों RBI ने लगाए ये प्रतिबंध
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की खराब वित्तीय हालात को देखते हुए आरबीआई ने ये सख्त कदम उठाया है. जानकारी के अनुसार बैंक पिछले दो साल से लगातार नुकसान में चल रहा था. मार्च 2024 में बैंक को 22.78 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि 2023 में 30.75 करोड़ रुपये का घाटा बैंक को उठाना पड़ा. आरबीआई ने बैंक पर अगले 6 महीनों के लिए बैन लगाया है.
बैंक पर लगे हैं कौन से प्रतिबंध?
- बैंक अब नए लोन को जारी नहीं कर सकता है.
- बैंक पुराने लोन को रिन्यू भी नहीं कर सकता है.
- ग्राहक इस बैंक में नया फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या कोई और डिपॉजिट स्कीम नहीं खोल पाएंगे.
- बैंक पर किसी तरह के निवेश पर भी प्रतिबंध लगा है.
- एक ग्राहक पांच लाख तक के ही पैसे अपने खाते से निकाल सकता है.
- लॉकर में रखा सामान भी ग्राहक निकाल सकता है.
- बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक मदों के संबंध में व्यय कर सकता है.
- ये प्रतिबंध फिलहाल 6 महीने के लिए लागू है.
आरबीआई ने कहा, ''बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खातों या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे.'' बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक मदों के संबंध में व्यय कर सकता है.