नागपुर में ऑडी से कोहराम मचाने वाला BJP नेता का बेटा संकेत फंसेगा? दोस्त की रिपोर्ट का इंतजार

पुलिस के एक वर्ग का मानना ​​है कि संकेत (Sanket Bawankule) को मामले में सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए, क्यों कि असने अपनी कार नशे में धुत अपने दोस्त को चलाने के लिए दी थी.

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Nagpur Hit And Run Case: संकेत बावनकुले की बढ़ सकती है मुसीबत.
दिल्ली:

नागपुर हिट एंड रन केस (Nagpur Hit And Run Case) में महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत बावनकुले की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मामले में उठ रहे राजनीतिक तूफान के बाद पुलिस संकेत (Sanket Bawankule) को सह-आरोपी बना सकती है. सूत्रों के मुताबिक, संकेत के दोस्तों अर्जुन हाओरे और रोनित चिंतामवार के खून के सैंपल में अल्कोहल  की मात्रा पर फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. इस रिपोर्ट के आने के बाद ही तय तय किया जाएगा कि पुलिस संकेत पर केस दर्ज करेगी या नहीं.अगर शराब की मात्रा ब्लड में पाई गई तो संकेत पर केस दर्ज हो सकता है. 

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संकेत की लग्जरी कार से 2 लोग हुए थे जख्मी

संकेत की लग्जरी कार से लगी टक्कर में दो लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. जिसके बाद लगातार ये बात उठ रही थी कि घटना के समय संकेत भी कार में मौजूद था. लेकिन FIR में उसका नाम नहीं होने की वजह से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया. शिवसेना नेता संजय राउत ने तो सीधे देवेंद्र फडणवीस पर ही निशाना साध दिया.

संकेत पर दर्ज होगी FIR?

राजनीतिक बवाल के बीच संकेत के दोस्तों के ब्लड सैंपल का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि पुलिस अब तक संकेत के खिलाफ कानूनी प्रावधानों को लेकर श्योर नहीं है. कहा जा रहा है कि संकेत कार ड्राइव नहीं कर रहा था. लेकिन नशे में धुत अपने दो  दोस्तों को उसने कार में पीछे बिठाया था.  

उस रात क्या हुआ था?

संकेत और उसके दोस्त रविवार आधी रात को धरमपेठ में एक बार से बाहर निकले थे. संकेत ने अपने दोस्त अर्जुन हाओरे से अपनी महंगी कार चलाने को कहा था. कार की कीमत 1.2 करोड़ रुपये है.इस दौरान दोस्त की लापरवाही की वजह से  प्रेस क्लब के कर्मचारी जीतेंद्र सोनकांबले टकराकर घायल हो गया.  

पुलिस के एक वर्ग का मानना ​​है कि संकेत को मामले में सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए, क्यों कि असने अपनी कार नशे में धुत अपने दोस्त को चलाने के लिए दी थी.  इससे संकेत के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. उस पर केस दर्ज हो सकता है. पहले कहा गया था कि संकेत कार नहीं चला रहा था और न ही शराब का कोई केनक्शन था.वहीं पुलिस ने भी पहले कहा था कि संकेत का दोस्त अर्जुन बालिग है और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी था.संकेत उसकी बराबर वाली सीट पर बैठा हुआ था. उसने ही दोस्त को कार चलाने के लिए दी थी.

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कांग्रेस नेता पर संकेत को बचाने का आरोप

पुलिस का बदला हुआ रुख इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि सामाजिक और राजनीतिक दबाव कितना ज्यादा है. मामले में बीजेपी नेता का बेटा शामिल है, ऐसे में जुबानी जंग भी तेज हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ही आपस में भिड़ गए हैं. कांग्रेस नेता का कहना है कि हादसे के समय संकेत कार नहीं चला रहा था. जबकि शिवसेना नेता सुषमा आंधरे आरोपियों को बचाने का आरोप लगा रही हैं. 

सुषमा पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठा रही हैं. उनका कहना है कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों से ये भी पूछा कि एफआईआर में कार नंबर क्यों दर्ज नहीं किया गया. इसके साथ ही शिवसेना नेता ने कांग्रसे नेता पर आरोपियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया. जब कि कांग्रेस नेता विकास ठाकरे का कहना है कि उनके ये बात पता है कि घटना के समय संकेत गाड़ी नहीं चला रहा था. वह ड्राइव कर रहे शख्स के पास वाली सीट पर बैठा था.
 

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