2015 मुंबई में टेकी से बलात्कार और हत्या (Techie Rape Murder) मामले में मौत की सजा पाए दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के मौत की सजा के फैसले को रद्द किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी तथ्य बताते हैं कि अभियोजन पक्ष की कहानी में बहुत बड़ी खामी है, जो दिख रहा है उससे कहीं अधिक है. दोषसिद्धि को बनाए रखना बेहद असुरक्षित है. हम मानते हैं कि अपीलकर्ता अपराध का दोषी नहीं है. अपीलकर्ता को रिहा किया जाना चाहिए. वह दोषी नहीं है और उसे बरी किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा
जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मि़श्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने ये फैसला सुनाया. जस्टिस केवी विश्वनाथन ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 23 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराए गए चंद्रभान सनप ने 30 अक्टूबर, 2015 को एक विशेष अदालत द्वारा उसे दी गई मौत की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका खारिज होने पर, उसने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया. जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि हमने साक्ष्यों का अध्ययन किया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2018 में सुनाई थी मौत की सजा
उस पर निचली अदालत के आदेश पर कोई संदेह नहीं है. लेकिन सीसीटीवी फुटेज में हमने सभी मिसालों का पता लगाया है, हमने पाया है कि एक गवाह पर सवाल आपत्ति के रूप में था, साथ ही सा़क्ष्य के तौर पर यह स्वीकार्य है. हमने कहा है कि डॉग वॉकर विश्वास को प्रेरित नहीं करता है. हमने इस तथ्य पर भी विचार किया है कि तस्वीरें प्रकाशित की गई थीं. हमने शिनाख्त परेड़ परीक्षण को खारिज कर दिया है. दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2018 में सनप की मौत की सजा की पुष्टि करते हुए कहा था कि ऐसा व्यक्ति निश्चित रूप से समाज के लिए खतरा बना रहेगा.
क्या है मामला
इस मामले में पीड़िता मुंबई के गोरेगांव में टीसीएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी और वह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम की रहने वाली थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 23 वर्षीय लड़की को आरोपी ने अगवा कर लिया था. इसके बाद उसने उसके साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी. इसके अलावा, उसने कथित तौर पर उसके शव को ईस्टर्न एक्सप्रेसवे के पास एक सुनसान जगह पर जला दिया था. ट्रायल कोर्ट ने सनप को मौत की सजा सुनाते हुए कहा था कि उसने बेहद क्रूरता से काम किया और पूर्व नियोजित और शैतानी तरीके से अपराध किया.