Maharashtra : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने आज देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख को पूछताछ के लिए तलब किया है. ED को शक है कि देशमुख परिवार के ट्रस्ट में भेजी गई 4 करोड़ के करीब की रकम के लिए सेल कंपनियों का इस्तेमाल किया गया और इसमें उनके बेटे ऋषिकेश की अहम भूमिका रही है. इसके अलावां पुलिस वालों की ट्रांसफर पोस्टिंग की रकम के लेनदेन में ऋषिकेश की भूमिका हो सकती है.
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इसी संबंध में ऋषिकेश को पहले भी समन भेजा गया था लेकिन वे पेश नहीं हुए थे. अनिल देशमुख के वकील, इंद्रपाल सिंह के मुताबिक आज भी ऋषिकेश देशमुख ED नही आ पाएंगे क्योंकि वो अपने कानूनी अधिकारों के इस्तेमाल की कोशिश में हैं, इसलिए ED को लिखित पत्र देकर समय की मांग करेंगे. गौरतलब है कि मनी लॉन्डरिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा गया है. देशमुख को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में उनके कार्यालय में 12 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
अनिल देशमुख ने इस साल की शुरुआत में अपने खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर विवाद के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनको शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने जांच एजेंसी के समन को रद्द करने की अपील की थी. दूसरी ओर, 71 वर्षीय एनसीपी नेता देशमुख ने कहा था कि "मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं." देशमुख पर मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में परम बीर सिंह ने देशमुख पर हस्तक्षेप करने और हर महीने 100 करोड़ रुपये तक की जबरन वसूली करने के लिए पुलिस का उपयोग करने का आरोप लगाया था.