मराठी बनाम हिंदी का विवाद बढ़ता ही जा रहा है... ये पटक-पटक कर मारने से लेकर डुबा-डुबाकर मारने तक पहुंच चुका है. पिछले कुछ दिनों में एमएनएस कार्यकर्ताओं की मुंबई और आसपास के इलाकों से तस्वीरें आईं जिनमें में मारपीट करते दिख रहे हैं. वहीं, एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा है कि मीरा रोड में जो हुआ था, वो बिल्कुल सही हुआ. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को सीधा चैलेंज दे दिया है.
समुद्र में डुबो-डुबोकर मारेंगे
राज ठाकरे कल मीरा-भयंदर में एक रैली में पहुंचे थे, यहां उन्होंने जमकर निशिकांत दुबे पर हमला बोला. एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को चैलेंज किया है कि मुंबई आओ, समुद्र में डुबो-डुबोकर मारेंगे. राज ठाकरे ने कहा कि एक भाजपा सांसद ने कहा था कि हम मराठी लोगों को यहां पर पटक-पटक कर मारेंगे. मैं दुबे को बोलता हूं, तुम मुंबई में आ जाओ, मुंबई के समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने यहां मराठी का अपमान किया, तो उसके गाल और हमारे हाथ की 'युति' जरूर होकर रहेगी. राज ठाकरे ने आगे कहा, "मुंबई के मीरा रोड में जो कुछ हुआ, जिसे पीटा गया, वो सही हुआ. उसे महाराष्ट्र स्टाइल में जवाब दिया गया. महाराष्ट्र में रह रहे हो, शांति से रहो, मराठी सीखो. हमारा तुमसे कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन अगर मस्ती करोगे तो महाराष्ट्र स्टाइल में समझा देंगे."
निशिकांत दुबे ने क्या कहा था?
मुंबई के मीरा रोड पर जब एक दुकानदार की पिटाई की गई थी, तब से हिंदी बनाम मराठी का विवाद तेज़ी से बढ़ा. इसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि यहां आओ पटक-पटककर मारेंगे. झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद ने कहा था कि हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले अगर हिम्मत है, तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ. इस दौरान उन्होंने कहा था, 'महाराष्ट्र से बाहर आने की हिम्मत दिखाएं, हम हिंदी का विरोध करने वालों को पटक-पटककर मारेंगे.'
'मराठी स्कूलों को बंद करने का ‘पाप' नहीं किया'
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने मुंबई में नगर निगम द्वारा संचालित मराठी माध्यम के विद्यालयों को बंद करने का ‘पाप' नहीं किया. शिंदे ने मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष द्वारा ‘पिछले सप्ताह पेश किये गये प्रस्ताव' पर जवाब देते हुए विधान परिषद में कहा कि विपक्षी दल निकाय चुनावों से पहले मराठी का मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन महायुति सरकार ने अपने कार्यों से भाषा के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया है. शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा, 'किसी को हमें मराठी के प्रति प्रेम सिखाने की जरूरत नहीं है। हम मराठी में पैदा हुए हैं, मराठी माध्यम में पढ़े हैं और इस भाषा के विकास के लिए प्रयासरत हैं. हमने मराठी विद्यालयों को बंद कर अंतरराष्ट्रीय स्कूल शुरू करने का पाप नहीं किया.'
उद्धव ने महाराष्ट्र में त्रि-भाषा नीति का विरोध किया
मुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में त्रि-भाषा नीति लागू करने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं करेंगे. मानसून सत्र के अंतिम दिन विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बृहस्पतिवार को राज्य विधानमंडल परिसर में प्रतिद्वंद्वी दलों के दो विधायकों के समर्थकों के बीच हुई हाथापाई पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस घटना ने महाराष्ट्र की छवि को धूमिल किया है. मराठी तथा अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी ‘थोपे जाने'' के दावे पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र में त्रि-भाषा नीति को जबरन लागू किए जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
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