Maharashtra: वैक्‍सीन की दोनों डोज लीं लेकिन नहीं मिला सर्टिफिकेट, लोकल-मॉल्‍स में एंट्री न मिलने से हो रहे परेशान

मुंबई के मानखुर्द स्टेशन पर जब सामाजिक कार्यकर्ता शकील शेख अस्पताल से वैक्सीन दिए जाने के दस्तावेज़ लेकर रेलवे पास बनाने जाते हैं, तो इन्हें पास नहीं दिया जाता है.

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ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने ट्रायल के दौरान वैक्‍सीन लगवाई लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला (प्रतीकात्‍मक फोटो )
मुंबई:

Maharashtra: राजधानी मुंबई सहित महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज़ ले चुके लोगों को लोकल में प्रवेश सहित मॉल और दूसरे जगहों पर प्रवेश की इजाजत मिली है लेकिन ऐसे कई लोग मौजूद हैं जिन्होंने वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लिया था, उन्हें वैक्सीन भी दी गई, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला. इस वजह से वैक्सीन लेने के बावजूद वो कहीं नहीं जा सकते. मुंबई के मानखुर्द स्टेशन पर जब सामाजिक कार्यकर्ता शकील शेख अस्पताल से वैक्सीन दिए जाने के दस्तावेज़ लेकर रेलवे पास बनाने जाते हैं, तो इन्हें पास नहीं दिया जाता है. वैक्सीनशन की ट्रायल के समय शकील को दोनों वैक्सीन ज़रूर दी गई, लेकिन अब तक आरोग्य सेतु में इसकी जानकारी मौजूद नहीं है.लिहाज़ा वह कहीं पर जा नहीं पा रहे हैं.

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शकील शेख कहते हैं, 'हमारे जैसे वालंटियर्स, जिन्‍होंने अपनी जान जोखिम में डाल वैक्सीन का ट्रायल लिया, हमें ही कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. तकलीफ यह है कि इमरजेंसी में कहीं जाना होता है तो ट्रेन से जाने नहीं मिलता. कल बिना टिकट मैंने ठाणे तक सफर किया और 250 रुपये का जुर्माना भरा. कुछ इसी तरह की परेशानी फोटो जर्नलिस्ट प्रवीण काजरोलकर की भी है. पत्रकार होने के कारण अलग-अलग जगहों पर जाना पडता है लेकिन लोकल से एंट्री नहीं कर पाने के कारण घंटों बर्बाद हो रहे हैं.वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट नहीं होने के कारण कई इवेंट को यह कवर भी नहीं कर पा रहे हैं. 

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प्रवीण भी कहते हैं, 'सब जगह पर अब लोग वैक्सीन के सर्टिफिकेट मांगते हैं. मैं वैक्सीनेटेड हूं लेकिन रजिस्टर्ड नहीं हूं. अब सर्टिफिकेट नहीं होने के वजह से कई जगहों पर इवेंट कवर करने नहीं मिल रहा है. टाइम पर हम मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. हालत यह है कि आने-जाने में ही 3-4 घंटे लग रहे हैं. इस तरह के सैकड़ों लोगों ने प्रशासन को पत्र लिखकर अपनी परेशानी के बारे में बताया है, जिस पर अब सूत्रों का कहना है कि इन सभी लोगों के साथ प्रशासन लगातार संपर्क में हैं. जल्द ही उनकी परेशानी को खत्म कर उनके सर्टिफिकेट को आरोग्य सेतु पर साझा किया जाएगा. इस तरह के मुम्बई के केवल एक ट्रायल सेंटर पर 1600 लोग हैं.

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