महाराष्ट्र सरकार की लाडली बहन योजना फिर चर्चा में है. समीक्षा और जांच के बाद करीब 8 लाख महिलाओं को दी जाने वाली 1500 रुपये की राशि घटाकर 500 रुपये कर दी गई है. सरकार का कहना है कि ये महिलाएं पहले से ही दूसरी योजनाओं का लाभ ले रही हैं. वहीं विपक्ष ने राशि कम करने के लिए महायुति सरकार की आलोचना की है.
शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि अब बहनों के वोट की कीमत 1500 से घटकर 500 रह गई है, जल्द ही ये शून्य हो जाएगी. इस मामले में अभी लाडली बहनों को ही सरकार से सवाल पूछना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति बेहद गंभीर है. कर्मचारियों का वेतन देने के लिए भी सरकार के पास पैसे नहीं हैं. देवेंद्र फडणवीस कितनी भी बड़ी बातें करें लेकिन राज्य के आर्थिक हालात बिगड़ चुके हैं. क्योंकि पिछले ढाई तीन वर्षों में आर्थिक अनुशासन की कमी के कारण राज्य आर्थिक अराजकता के खाई में गिर गया है.
वहीं कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि महायुति सरकार ने महाराष्ट्र की बहनों को धोखा दिया है. हमने पहले भी इस योजना पर सवाल उठाए थे, फिर भी चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ा खेला खेला गया. महिलाओं से ₹2100 देने का वादा किया गया, लेकिन अब सरकार बहुमत में आकर उन्हें सिर्फ ₹500 दे रही है. ये सीधे-सीधे लाडली बहनों से विश्वासघात है.
- महाराष्ट्र में 8 लाख लाडली बहनाओं को महज 500 रुपये मिलेंगे.
- ये वो महिलाएं हैं जो नमो शेतकारी महासम्मान निधि का भी लाभ ले रही हैं.
- इस योजना के तहत इन्हें पहले से ही 1000 रुपये मिल रहे हैं.
- विधानसभा चुनाव से पहले अक्टूबर 2024 में लाडली बहन योजना के लगभग 2.60 करोड़ लाभार्थी थे.
- विधानसभा चुनाव के बाद महायुति सरकार ने लाभार्थियों की समीक्षा की और पात्रता मानदंडों के अनुसार इसे घटाकर 2.42 करोड़ कर दिया.
- विपक्ष ने राशि कम करने के लिए महायुति सरकार की आलोचना की है.
इधर वित्त राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने कहा कि विपक्ष दुष्प्रचार कर रहा है. लाडली बहना योजना के जो 4 मानदंड हैं, उन्हीं के अनुसार फ़ैसला किया गया है. योजना की शुरुआत से लेकर अब तक पात्रता मानदंड में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हम जल्द ही हर पात्र महिला को 2100 रुपये देने का अपना वादा पूरा करेंगे.
- लाभार्थियों की उम्र 18-65 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्हें राज्य का निवासी होना चाहिए.
- उनकी पारिवारिक आय सीमा 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए.
- जिनके पास चार पहिया वाहन हैं और परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है.
- जो महिला अन्य सरकारी योजनाओं से लाभ प्राप्त करती हैं, वे ऐसा तब तक कर सकती हैं जब तक कि संयुक्त लाभ 1,500 रुपये प्रति माह के भीतर हो.
वैसे चुनावी वादा 2100 रुपये का था, जिसकी बात अभी सरकार नहीं कर रही है. अभी राज्य की वित्तीय सेहत बनाए रखने की चुनौती है, जिसकी क़ीमत लाभार्थियों से वसूली जा रही है.