बॉम्‍बे हाईकोर्ट का BJP विधायक नितेश राणे को अग्रिम जमानत देने से इनकार, जानें क्‍या है मामला..

न्यायमूर्ति सी वी भडांग की एकल पीठ ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी लेकिन उसने मामले के एक अन्य आरोपी मनीष दलवी की याचिका को स्वीकार कर लिया.

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बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक नितेश राणे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है
मुंबई:

Maharashtra: बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सिंधुदुर्ग जिले में पुलिस द्वारा दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक नितेश राणे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति सी वी भडांग की एकल पीठ ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी लेकिन उसने मामले के एक अन्य आरोपी मनीष दलवी की याचिका को स्वीकार कर लिया. नितेश के वकील नितिन प्रधान ने तब हाईकोर्ट से पुलिस के पहले के आश्वासन को आगे बढ़ाने की मांग की कि विधायक के खिलाफ एक और सप्ताह कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.इस पर पीठ ने विशेष लोक अभियोजक सुदीप पासबोला से पूछा कि क्या पुलिस को दंडात्मक कार्रवाई से छूट को एक और हफ्ते तक बढ़ाने पर कोई आपत्ति है.इस पर पासबोला ने कहा कि पुलिस, बीजेपी विधायक के खिलाफ एक हफ्ते तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी.

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हाईकोर्ट  ने कहा, “हम पुलिस के इस बयान को स्वीकार करते हैं कि वह 27 जनवरी तक आवेदक (नितेश राणे) के खिलाफ आखिरी मौके पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी.”नितेश और दलवी ने उनके खिलाफ सिंधुदुर्ग पुलिस द्वारा दिसंबर 2021 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी.कंकावली विधायक राणे ने दावा किया था कि उन्हें राजनीतिक कारणों से झूठे मामले में फंसाया गया था जबकि पुलिस ने दावा किया कि नितेश, शिवसेना कार्यकर्ता की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी और मुख्य साजिशकर्ता है.

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न्यायमूर्ति भडांग ने दलवी को अग्रिम जमानत देते हुए उन्हें 20, 21 और 22 जनवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच और उसके बाद भी पुलिस द्वारा बुलाये जने पर उन्हें सिंधुदुर्ग पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया .यह मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना के स्थानीय कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए कथित हमले से संबंधित है.

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