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This Article is From Feb 26, 2016

मौसम की मारः क्या चॉक्लेट के साथ-साथ गायब हो जाएंगी खाने की ये लजीज चीजें?

मौसम की मारः क्या चॉक्लेट के साथ-साथ गायब हो जाएंगी खाने की ये लजीज चीजें?
नई दिल्ली: ये बात तो अब ज्यादातर लोग समझने लगे हैं कि बढ़ते तापमान का प्रभाव भविष्य में किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इस क्लाइमेट चेंज के कारण आपको अपनी कुछ मनपसंदीदा चीजों पर से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
 

वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक चॉक्लेट का उत्पादन बेहद कम हो जाएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 40 सालों में Ghana और  Cote d'Ivoire का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा और कोकोआ का 70 फीसदी उत्पादन यहीं होता है। तापमान बढ़ने के कारण कोकोआ के पेड़ पूरी तरह से बढ़ नहीं पाएंगे।

शहदः क्लाइमेट में बदलाव आने के कारण मधुमखियां अपना आवास खो रही हैं। एक स्टडी के मुताबिक मधुमखियां अपना सफर तय नहीं कर पा रही हैं और उनकी बड़ी आबादी खत्म हो गई है। शोधकर्ताओं की माने तो मधुमखियां खुद को नए वातावरण के अनुकूल नहीं ढाल पा रही हैं।
 
कॉफीः बढ़ते तापमान के प्रकोप से कॉफी भी काफी प्रभावित हो रही है। ब्राजील में भयंकर सूखे के कारण कॉफी के उत्पादन पर काफी असर पड़ा है। आपको बता दें कि आने वाले समय में तापमान में हो रही बढ़ोतरी के कारण कॉफी का उत्पादन करने वाले कई क्षेत्र पहले जैसा उत्पादन शायद नहीं कर सकेंगे।
 

वाइनः क्लाइमेट फलों को पूरी तरह से पकाने में एक अहम योगदान अदा करता है और वाइन के उत्पादन के लिए फलों का अच्छे पकना बेहद जरूरी होता है। दुनिया भर में जिन जगहों पर सबसे प्रीमियम वाइन बनती है वह इलाके लगातार बढ़ती गर्मी और अप्रत्याशित मौसम की मार झेल रहे हैं। इस कारण वातावरण में हो रहे बदलाव का वाइन पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
 
मूंगफली (पीनट्स): मूंगफलियों की पैदावार के लिए उचित नमी और जमीन के नीचे के तापमान का ठंडा रहना आवश्यक है। अगर बारिश कम हुई तो मूंगफलियां अंकुरित नहीं हो पाएंगी और ज्यादा गर्मी पड़ने से ये जल जाएंगी। इसलिए अगर तापमान गर्म होता है तो इससे मूंगफलियों के उत्पादन पर भी भारी कमी आ सकती है।
 

चैरीः चैरी जैसे फलों के उत्पादन के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। बढ़ते तापमान के कारण पेड़ों में से फूल देर में निकलेंगे और फलों की पैदावार भी कम होगी।
 

सेबः चैरी की तरह सेब के पेड़ों को भी ठंडे मौसम की ही जरूरत होती है और बढ़ते तापमान का इसके उत्पादन पर भी गहरा असर पड़ेगा।
 

मैपल सिरप (Maple Syrup): सूखी गर्मियां और कम सर्दी पड़ने के कारण मैपल के पेड़ प्रभावित हो रहे हैं। अच्छी पैदावार के लिए मैपल के पेड़ों को कप-कपा देने वाली ठंड की जरूरत होती है।
 

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