अच्छा स्वास्थ्य व बाहरी सौंदर्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. अगर आप शारीरिक तौर पर स्वस्थ नहीं हैं, तो आपकी सुंदरता में निखार कभी नहीं आ सकता. आर्कषक त्वचा, काले चमकीले बाल और छरहरा बदन महज स्वस्थ शरीर से ही प्राप्त किया जा सकता है. आधुनिक जीवनशैली में समग्र स्वास्थ्य और सौंदर्य को प्राप्त करने के लिए योग बहुत प्रसांगिक है. सुंदर त्वचा और चमकीले बालों के लिए प्राणायाम सबसे महत्वपूर्ण आसन है. इससे तनाव कम होता है और रक्त में ऑक्सीजन का संचार बढ़ता है और इससे रक्त-संचार में सुधार होता है. उत्थासन, उत्कावासन, शीर्षासन, हलासन और सूर्य नमस्कार आंतरिक और बाहरी सौंदर्य को निखारने में अहम भूमिका अदा करते हैं. एक नजर योग के फायदों पर...
योग के लाभ
- योगासन करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है. योग से न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि शरीर में प्राणाशक्ति बढ़ती है और आंतरिक अंगों में बढ़ता आती है. साथ ही नाड़ी तंत्र को संतुलित बनाती है. योग मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान करता है और मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है.
- योग संतुलित व्यक्तित्व प्राप्त करने और बुढ़ापे को रोकने का प्रभावी उपाय माना जाता है. योग से सांसों पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है और योगक्रिया के दौरान सांसों को छोड़ने और सांसों को खींचने की विस्तृत वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे शरीर में प्राणवायु का संचार होता है. इससे शारीरिक और मानसिक आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है.
- योग से त्वचा के बाहरी हिस्से तक रक्त-संचार में बढ़ोतरी होती है और यह त्वचा की सुंदरता के लिए काफी अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि इससे त्वचा को पर्याप्त पोषाहार प्राप्त होते हैं.
- योग से त्वचा में मौजूद विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है. इससे त्वचा के संकुलन में मदद मिलती है और इससे त्वचा में रंगत आती है.
- योग से त्वचा में ऑक्सीजन का संचार होता है, त्वचा में सुंदर आभा का संचार होता है और त्वचा में यौवनपन बना रहता है. त्वचा अनेक रोगों से मुक्त रहती है. यही प्रक्रिया बालों में भी लागू होती है.
- योग से बालों की कोशिकाओं और सिर की खाल में रक्त-संचार और ऑक्सीजन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है. इससे बालों की कोशिकाओं को रक्त धमनियों में पोषाहार की आपूर्ति होती है, जिससे बालों की आकर्षक वृद्धि होती है.
- जब हम सौंदर्य की बात करते हैं तो हम मात्र बाहरी चेहरे के सांैदर्य की ही बात नहीं करते, लेकिन इसमें शारीरिक बनावट, इसके लचीलेपन, हावभाव, आकर्षण और मनोहरता भी शामिल होती है.
- जहां तक बाहरी दिखावट का प्रश्न है, वहां छरहरे बदन से आप काफी युवा दिख सकती है और लंबे समय तक यौवन बनाए रख सकती है. योग से शरीर के प्रत्येक टिशू को ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, जिससे स्वस्थ और सुंदरता की राहें खुद ही खुल जाती हैं. यदि आपके जीवन में शारीरिक सक्रियता की कमी है तो आप बुढ़ापे को आमंत्रण दे रही हैं.
- योग और व्यायाम से समय से पूर्व बुढ़ापे को प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है, क्योंकि इससे न केवल शारीरिक सुबढ़ता प्राप्त होती है, बल्कि शरीर पतला और स्वास्थ्य भी दिखता है.
- यौगिक आसनों से रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को लचीला और कोमल बनाया जा सकता है. इससे शरीर सुबढ़ और फुर्तीला बनता है, मांसपेशियां सुबढ़ होती हैं, रक्त-संचार में सुधार होता है, शरीर में उत्साह और प्राणशक्ति का संचार होता है और बाहरी सौंदर्य और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
- सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याएं तनाव की वजह से उत्पन्न होती हैं. योग से तनाव कम होता है और शरीर शांतमय स्थिति में आ जाता है, जिससे तनाव की वजह से होने वाले रोग जैसे बालों का झड़ना, मुंहासे, फुंसी, गंजापन और बालों में रूसी की समस्या से स्थायी निजात मिल जाती है.
- योगासन को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने वाले योगसाधकों पर किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि योग साधकों के व्यक्तित्व, व्यवहार, भावनात्मक स्थायित्व, आत्मविश्वास में सकारात्मक बदलाव देखने में मिलता है.
योग के लाभ
- योगासन करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है. योग से न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि शरीर में प्राणाशक्ति बढ़ती है और आंतरिक अंगों में बढ़ता आती है. साथ ही नाड़ी तंत्र को संतुलित बनाती है. योग मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान करता है और मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है.
- योग संतुलित व्यक्तित्व प्राप्त करने और बुढ़ापे को रोकने का प्रभावी उपाय माना जाता है. योग से सांसों पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है और योगक्रिया के दौरान सांसों को छोड़ने और सांसों को खींचने की विस्तृत वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे शरीर में प्राणवायु का संचार होता है. इससे शारीरिक और मानसिक आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है.
- योग से त्वचा के बाहरी हिस्से तक रक्त-संचार में बढ़ोतरी होती है और यह त्वचा की सुंदरता के लिए काफी अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि इससे त्वचा को पर्याप्त पोषाहार प्राप्त होते हैं.
- योग से त्वचा में मौजूद विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है. इससे त्वचा के संकुलन में मदद मिलती है और इससे त्वचा में रंगत आती है.
- योग से त्वचा में ऑक्सीजन का संचार होता है, त्वचा में सुंदर आभा का संचार होता है और त्वचा में यौवनपन बना रहता है. त्वचा अनेक रोगों से मुक्त रहती है. यही प्रक्रिया बालों में भी लागू होती है.
- योग से बालों की कोशिकाओं और सिर की खाल में रक्त-संचार और ऑक्सीजन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है. इससे बालों की कोशिकाओं को रक्त धमनियों में पोषाहार की आपूर्ति होती है, जिससे बालों की आकर्षक वृद्धि होती है.
- जब हम सौंदर्य की बात करते हैं तो हम मात्र बाहरी चेहरे के सांैदर्य की ही बात नहीं करते, लेकिन इसमें शारीरिक बनावट, इसके लचीलेपन, हावभाव, आकर्षण और मनोहरता भी शामिल होती है.
- जहां तक बाहरी दिखावट का प्रश्न है, वहां छरहरे बदन से आप काफी युवा दिख सकती है और लंबे समय तक यौवन बनाए रख सकती है. योग से शरीर के प्रत्येक टिशू को ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, जिससे स्वस्थ और सुंदरता की राहें खुद ही खुल जाती हैं. यदि आपके जीवन में शारीरिक सक्रियता की कमी है तो आप बुढ़ापे को आमंत्रण दे रही हैं.
- योग और व्यायाम से समय से पूर्व बुढ़ापे को प्रभावी तरीके से रोका जा सकता है, क्योंकि इससे न केवल शारीरिक सुबढ़ता प्राप्त होती है, बल्कि शरीर पतला और स्वास्थ्य भी दिखता है.
- यौगिक आसनों से रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को लचीला और कोमल बनाया जा सकता है. इससे शरीर सुबढ़ और फुर्तीला बनता है, मांसपेशियां सुबढ़ होती हैं, रक्त-संचार में सुधार होता है, शरीर में उत्साह और प्राणशक्ति का संचार होता है और बाहरी सौंदर्य और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
- सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याएं तनाव की वजह से उत्पन्न होती हैं. योग से तनाव कम होता है और शरीर शांतमय स्थिति में आ जाता है, जिससे तनाव की वजह से होने वाले रोग जैसे बालों का झड़ना, मुंहासे, फुंसी, गंजापन और बालों में रूसी की समस्या से स्थायी निजात मिल जाती है.
- योगासन को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने वाले योगसाधकों पर किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि योग साधकों के व्यक्तित्व, व्यवहार, भावनात्मक स्थायित्व, आत्मविश्वास में सकारात्मक बदलाव देखने में मिलता है.
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