Yoga Day 2025: योगा शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन मस्तिष्क के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है. रोजाना योगा की जाए तो स्ट्रेंथ बिल्ड होती है, शरीर फिट रहता है, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहने लगता है. ऐसे में उम्र चाहे कोई भी हो योगा (Yoga) को लाइफस्टाइल का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए. अगर आपकी उम्र 30 के करीब है या 30 से ज्यादा हो गई है तो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और पूरे शरीर की सेहत सुनिश्चित करने के लिए आपको रोजाना योगा जरूर करनी चाहिए. यहां ऐसे ही 5 योगासन (Yoga Poses) बताए जा रहे हैं जिन्हें रोजाना करना आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा.
30 की उम्र में जरूर करें ये 5 योगासन । 5 Yoga Poses To Do In Your 30s
ताड़ासनयोगा सेशन की शुरुआत ताड़ासन (Tadasana) से की जा सकती है. इससे पोश्चर और बैलेंस बेहतर होने लगता है. इस योगासन से फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है. ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को खींचते हुए सिर के ऊपर लेकर जाएं. गहरी सांस लेकर अपने पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचे और फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस नीचे ले आएं. 2 से 3 बार ताड़ासन किया जा सकता है.
फिजिकल और मेंटल वेल-बीइंग के लिए पश्चिमोत्तासन किया जा सकता है. इस आसन को करने से फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और इसके फायदे हैमस्ट्रिंग, काल्व्स और रीढ़ की हड्डी को भी फायदे मिलते हैं. जमीन पर पैरों को आगे की तरफ रखकर बैठा जाता है और पीठ झुकाकर हाथों को आगे लाकर पंजों को पकड़ने की कोशिश की जाती है.
यह योगा की ऐसी मुद्रा है जो पीठ और पेट दोनों के लिए बेहद फायदेमंद होती है. सेतु बंध संर्वागासन करने के लिए पीठ के बल लेटें. अब अपने हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें. पैरों को मोड़ें. इसके बाद शरीर को ऊपर की तरफ उठाने की कोशिश करें. पोज को कुछ सेकंड होल्ड करें और फिर छोड़ दें.
महिलाओं के लिए खासतौर से मलासन (Malasana) बेहद फायदेमंद है. मलासन करने पर लोअर बॉडी की स्ट्रेंथ बढ़ती है. इस योगा को करने के लिए पैरों को फैलाकर खड़ा हुआ जाता है और फिर हाथों को जोड़कर नीचे बैठा जाता है और वापस ऊपर उठा जाता है. बस इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जब आप नीचे बैठें और ऊपर जाएं तो आपकी पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए.
बालासन करने पर स्ट्रेस कम होता है, शरीर रिलैक्स्ड महसूस करता है और इससे फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ जाती है. रोजाना बालासन करना आसान भी है और बेहद फायदेमंद भी. जमीन पर घुटनों के बल बैठकर पूरे शरीर को आगे की तरफ लेकर जाएं और माथे को जमीन पर लगाएं. आपका नितंब पैर की एड़ी पर ही टिका होना चाहिए. इस तरह किया जाता है बालासन.