ट्विटर पर कई महिलाएं इन दिनों बिना सिंदूर और मंगलसूत्र के अपनी पिक्स शेयर कर रही हैं. इसके अलावा शादी के अन्य पारंपरिक प्रतीकों के बिना भी कई महिलाएं अपनी तस्वीरें शेयर कर रही हैं और इस वजह से #WihtoutSymbolsOfMarriage काफी ट्रेंड कर रहा है. दरअसल, कुछ दिन पहल ही गुवाहाटी हाई कोर्ट ने एक शख्स को इस आधार पर तलाक लेने की अनुमति दे दी क्योंकि उसकी पत्नी ने शाखा और सिंदूर लगाने से मना कर दिया था.
ऐसे में ट्विटर पर कई महिलाएं अपनी सेल्फी और थ्रोबैक तस्वीरें शेयर कर रही हैं, जिनमें वह अपनी शादी के दिन बिना सिंदूर, मंगलसूत्र, चूड़ियां और बिंदी के दिखाई दे रही हैं. बता दें हिंदू शादी में पारंपरिक रूप से एक विवाहित महिला का यह सब पहनने का काफी महत्व है. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ''चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी और मंगलसूत्र पहनना ही शादीशुदा होने की पहचान नहीं है. हम बिना इसके ही सुंदर और शादीशुदा हैं, माननीय उच्च न्यायालय''.
चूड़ी और सिंदूर, बिंदी, मंगलसूत्र ही शादीशुदा होने का पहचान नहीं, हम तो बिना इस सब के ही सूंदर और शादीशुदा हैं माननीय उच्च-न्यायालय महोदय#withoutsymbolsofmarriage pic.twitter.com/7GZ3ZE33on
— Dr Bela T. Kaushal (@BelaTurkey) July 1, 2020
वहीं एक अन्य ने लिखा, ''शादी में प्यार, आपसी समझ और बराबरी मायने रखती है ना कि कोई सिम्बल''.
शादी में प्यार ,आपसी समझ और बराबरी मायने रखती है ना कि कोई सिम्बोल#withoutSymbolsOfMarriage
— Neha Naruka (@neha_naruka00) June 30, 2020
Geeta Yatharth pic.twitter.com/hRBSRDR81s
एक अन्य यूजर ने अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''बिना मंगलसूत्र, बिना गहने, बिना सिंदूर और पुराने कपड़ों में हमने तीस हजारी कोर्ट में शादी की और यह उसी दिन की तस्वीर है.''
बिना मंगलसूत्र, बिना गहने, बिना सिंदूर और पुराने कपड़े में ही शादी! तीस हज़ारी कोर्ट में शादी और उसी दिन की तस्वीर. #मेरी_मर्ज़ी pic.twitter.com/n08e6oFZMS
— Dr. Ratan Lal (@ratanlal72) July 2, 2020
यूजर ने लिखा, ''सन 2018 में संविधान को साक्षी मानकर हमने साथी को चुना था, सिंदूर, मंगलसूत्र कुछ नही पहना, ना पंडित के मंत्र, अब ये रिश्ता लीगल है या इललीगल, ये कोई एक कैसे तय कर सकता है?? सिंदूर, चूड़ी, बिंदी से सब मेरी मर्जी है इसको करना या नही करना, ये क्रूरता कैसे?''
सन 2018 में संविधान को साक्षी मानकर हमने साथी को चुना था, सिंदूर, मंगलसूत्र कुछ नही पहना, ना पंडित के मंत्र, अब ये रिश्ता लीगल है या इललीगल, ये कोई एक कैसे तय कर सकता है?? सिंदूर, चूड़ी, बिंदी से सब मेरी मर्जी है इसको करना या नही करना, ये क्रूरता कैसे? pic.twitter.com/lzOq9vJ3ni
— Advocate Priyanka Shukla (Priya Shukla) (@priyankaaap23) June 30, 2020
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने 19 जून को दिए गए इस फैसले में कहा था, 'पत्नी का शाखा-सिंदूर पहनने से मना करना उसे या तो कुंवारी दिखाता है या फिर इसका मतलब है कि उसे शादी मंजूर नहीं है. पत्नी का ऐसा रुख यह साफ करता है कि वो अपना विवाह जारी नहीं रखना चाहती.'
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