एयर प्लेन में टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान क्यों बंद की जाती हैं लाइट्स?

टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त लाइट्स ऑफ क्यों कर दी जाती हैं? ये सवाल आपके दिमाग में भी जरूर आया होगा तो अब यहां जानिए इसका जवाब...

एयर प्लेन में टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान क्यों बंद की जाती हैं लाइट्स?

कॉकपिट कॉन्फिडेंशल के लेखक और पायलट ने बताई वजह

नई दिल्ली:

प्लेन में बैठते वक्त आपने नोटिस किया होगा कि बहुत सारे रूल्स फॉलो करने पड़ते हैं. सीट बेल्ट कब लगाना है और कब हटाना है, किस वक्त टॉयलेट का इस्तेमाल करना है, सीट के ऊपर के मौजूद ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल कब और कैसे करना है, सीट के सामने मौजूद स्टैंड को कब खोलना है और बंद करना है जैसे रूल्स के बारे में प्लेन में एयर होस्टेज या फिर फ्लाइट अटेंडेंट बताते हैं. लेकिन इसी के साथ ऐसी कई और बातें प्लेन में होती है जिनके बारे में आपको नही बताया जाता. जैसे टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त लाइट्स ऑफ क्यों कर दी जाती हैं? ये सवाल आपके दिमाग में भी जरूर आया होगा तो अब यहां जानिए इसका जवाब...

द टेलेग्राफ को कॉकपिट कॉन्फिडेंशल के लेखक और पायलट पैट्रिक स्मिथ ने बताया कि प्लेन में टेकऑफ और लैंडिंग के वक्त लाइट्स बंद करने की एक नहीं बल्कि तीन वजह होती हैं:-

1. अंधेरा एडजस्ट हो सके
जी हां, हमारी आंखें अंधेरे में एडजस्ट होने में 10 से 30 मिनट का वक्त लेती हैं. प्लेन में अगर अचानक कुछ हो जाए या फिर प्लेन में पावट कट हो जाए और ऐसे में यात्री हड़बड़ाए नहीं, इस वजह से लैंडिंग और टेकऑफ से काफी देर पहले बत्तियां बुझा दी जाती हैं.

2. एमरजेंसी लाइट्स
लैंड और टेकऑफ के वक्त लाइट्स बुझाने की एक वजह यह भी है कि इससे एमरजेंसी लाइट्स साफ तौर पर नज़र आती हैं. ये एमरजेंसी लाइट्स आपकी सीट के ऊपर बनी रेड और येल्लो लाइट्स ही हैं, जो आपको हर एक्शन के लिए सिग्नल देने का काम करती हैं.

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3. लैंड और टेकऑफ के समय होते हैं ज्यादा एक्सिडेंट
प्लेन में लाइट्फ ऑफ करने की एक और वजह ये है कि लैंडिंग और टेकऑफ के वक्त ही सबसे ज्यादा एक्सिडेंट होते हैं. इसलिए अब एयरलाइन्स प्लेन उड़ाने जमीन पर आने से पहले लाइट्स को बंद रखती हैं.