
Relationship Tips: रिश्ते अक्सर ही उतार-चढ़ाव भरे होते हैं, खासकर तब जब ये रिश्ते प्यार के होते हैं. कपल्स कभी किसी छोटी तो कभी किसी बड़ी बात पर आपस में बहस करते या लड़ते हैं जोकि नॉर्मल भी लगता है. लेकिन, अगर हर दिन ही किसी एक ही बात पर लड़ाई (Fight) होने लगे तो यह चिंता का विषय बन जाता है. इससे कपल्स के बीच आपस में दूरियां गहराने लगती हैं. ऐसे में रिलेशनशिप कोच कामाक्षी रहेजा बता रही हैं कि इन रोज-रोज की लड़ाइयों की क्या वजह है और किस तरह कपल आपस की इस लड़ाई को सोल्व कर सकते हैं. अगर आप भी अक्सर ही अपने पार्टनर से एक ही बात पर झगड़ते हैं और इस रोज-रोज के झगड़े से छुटकारा पाना चाहते हैं तो रिलेशनशिप कोच की सलाह आपके काम आ सकती है.
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कपल्स के बीच रोज-रोज की लड़ाइयां कैसे होंगी दूर
रिलेशनशिप कोच की मानें तो कपल्स के बीच इन रोज-रोज की लड़ाइयों की कई वजहें हो सकती हैं. किसी एक ही बात से ट्रिगर होना, एकदूसरे को हमेशा ही ब्लेम करते रहना और कोई हल ना निकल पाना इन रोजमर्रा की लड़ाइयों की वजह बनता है. रिलेशनशिप कोच (Relationship Coach) कहती हैं कि आप एक-दूसरे से नहीं लड़ रहे हैं बल्कि आप उस चोट से लड़ रहे हैं जो आप दोनों ने ही इग्नोर की है. बार-बार की लड़ाइयों का मतलब है आपको डीपर हीलिंग की जरूरत है यानी परेशानी की जड़ तक जाकर उसे दूर करना होगा. इन लड़ाइयों को दूर करने के लिए रिलेशनशिप कोच की बताई कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है.
जीतना नहीं बल्कि समझना है जरूरीइस बात का ध्यान रखें कि शादी या प्यार के रिश्ते में जब कभी बहस हो तो आपका मकसद जीतना नहीं होना चाहिए, जीतने का मतलब कई बार कनेक्शन का खत्म होना भी होता है. ऐसे में सही होने से ज्यादा सुनने पर फोकस करें. अपने पार्टनर से कहें कि वह आपको समझने में मदद करें कि तुम्हें कैसा फील हो रहा है.
जेंटली करें शुरुआत
जब आप किसी लड़ाई के बारे में बात करते हैं तो कोशिश करें कि आपकी शुरुआत प्यार से हो. अक्सर ही जिस टोन में बात शुरू होती है उसी टोन में खत्म भी होती है. शुरू में ही कहें कि आपको कैसा फील हो रहा है बजाय यह कहने के कि तुम ऐसा करते हो या वैसा करते हो. बातचीत के दौरान काल्म रहें और सम्मान के भाव से ही बात करें. अपने पार्टनर से कहें कि आपको बुरा लगता है जब वे आपकी बात नहीं सुनते हैं या जब आपको ऐसा महसूस नहीं होता है कि आपकी बात सुनी जा रही है.
इन चार चीजों से खासतौर से रहें दूरआपको अपने टॉक्सिक बिहेवियर्स (Toxic Behaviors) से दूर रहने की जरूरत है. पार्टनर की बुराई करने के भाव यानी क्रिटिसिज्म को कॉम्पलिमेंट और रिक्वेस्ट में बदलने की कोशिश करें. पार्टनल की उपेक्षा करने के बजाय रिस्पेक्ट और ग्रेटीट्यूड का भाव रखें. डिफेंसिव होने के बजाय जिम्मेदारी के साथ बात करें और बात ना सुनने के बजाय समझने की कोशिश करें.
दूर जाने के बजाय पास आएंआपको अपने पार्टनर के साथ दूरियों को गहरा नहीं करना है बल्कि दूरियां कम करनी हैं. अपने पार्टनर से दूर ना जाएं बल्कि उनके पास आने की कोशिश करें. पार्टनर अपसेट हो तो बात करें. शट डाउन ना हों, इमोशनली अवेलेबल रहें.
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