
AC maintenance: मौसम गर्म होने लगता है तो एयर कंडीशनर यानी AC चलाना शुरू कर दिया जाता है. गर्मियों में तापमान इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लगता है जैसे AC के बिना कुछ देर बैठना भी मुश्किल है. लेकिन, पिछले कुछ सालों में गर्मियों में AC फटने या AC में आग लगने की घटनाओं ने भी तेजी पकड़ी है. कभी किसी फलाने शहर में एसी ब्लास्ट (AC Blast) होने की खबर आती है तो कभी अपने खुद के मोहल्ले में लोगों को एसी में आग लगने के बारे में पता चलता है. इससे मन में एक डर भी रहने लगता है कि कहीं अगला नंबर हमारे AC का ही ना हो. लेकिन, अगर AC को समझदारी से चलाया जाए और उसकी मेंटेनेंस का ध्यान रखा जाए तो AC आग नहीं पकड़ेगा. ऐसे में यहां जानिए किन वजहों से ऐसी में आग लग सकती है और किस तरह एसी की मेंटेनेंस का ध्यान रखें जिससे आपको इस समस्या का सामना ना करना पड़े.
क्यों लगती है AC में आग | AC Fire Causes
ओवरहीटिंग के कारण - अगर बिना बंद किए दिनभर AC चलाया जाए तो इससे एयर कंडीशनर ओवरहीट हो सकता है यानी जरूरत से ज्यादा गर्म हो सकता है. ऐसे में एसी के आग पकड़ने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं, जिस एसी में पहले से गंदे फिल्टर्स हों और बाहर लू (Heatwave) चल रही हो तब भी एसी में आग जल्दी लगती है.
गलत वायरिंग से - अगर आपने AC को किसी नौसिखिए से लगवा लिया है जिसने एसी की गलत तरीके से या फिर आउटडेटेड वायरिंग की है तो एसी में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और आग लग सकती है. इससे एसी में चिंगारी भी दिखाई पड़ती है. इसीलिए स्टैंडर्ड वायरिंग करवाना जरूरी है.
ओवरलोडेड सर्किट - अगर एसी के प्लग को ओवरलोडेड सर्किट में लगाया जाए जिसमें पहले से ही प्लग्स लगे हैं तो करेंट के फ्लो से ओवरहीटिंग हो सकती है और आग लगने की संभावना बढ़ती है. पुरानी बिल्डिंग्स जिनमें इलेक्ट्रिकल कैपेसिटी कम होती है उनमें भी यह देखने को मिलता है.
कैपेसिटर फेलियर - कैपेसिटर से कंप्रेसर और फैन स्टार्ट होने में मदद मिलती है. अगर कैपेसिटर फेल होता है तो इससे ओवरहीटिंग के कारण आग लगती है. इसीलिए रेग्यूलर इंस्पेक्शन जरूरी होता है.
केमिकल रिएक्शन - कुछ रेफ्रिजरेंट्स अन्य सब्सटेंस के साथ रिएक्ट कर जाते हैं जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है. इसीलिए लीक्स को देखकर रिपेयर करवाना जरूरी होता है.
मैनुफैक्चरिंग डिफॉल्ट्स - कंप्रेसर, फैंस या कैपेसिटर में अगर गड़बड़ी हो या कोई फॉल्ट हो तो एसी ब्लास्ट हो सकता है. इसीलिए एसी को हमेशा एक अच्छे मैनुफैक्चरर से खरीदना चाहिए.
ब्लॉक्ड वेंट्स - एसी का एयरफ्लो बाधित ना हो इसका खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. अगर एयरफ्लो रिस्ट्रिक्टेड होगा या फिर वेंट्स ब्लॉक्ड होंगे तो इससे यूनिट ओवरहीट होने लगता है.

प्रोपर इंस्टोलेशन - जब आप घर में एसी लगवा रहे हों तो हमेशा लाइसेंस्ड इलेक्ट्रिशियन से ही लगवाएं. लाइसेंस्ड इलेक्ट्रिशियन मैनुफैक्चरर के स्पेसिफिकेशन के अनुसार ही एसी इंस्टॉल करेगा. इससे इलेक्ट्रिकल फॉल्ट्स के कारण आग नहीं लगेगी.
सर्किट्स की ऑवरलोडिंग से बचना - इलेक्ट्रिकस सिस्टम को अपडेट करें और एक ही सर्किट पर ढेर सारी मशीनों की प्लगिंग या वायरिंग ना हो इसका ध्यान रखें.
प्रोफेशनल इंस्पेक्शन करवाना - Ac की रेग्यूलर मेंटेनेंस जरूरी होती है. इसीलिए प्रोफेशनल टेक्नीशियन से एसी की मेंटेनेंस करवाते रहें जिससे पता चलता रहे कि एसी सही कंडीशन में है या नहीं. टेक्नीशियन किसी गंभीर दिक्कत का पहले ही पता लगा लेते हैं.
कोइल्स हों साफ - इवेपॉरेटर और कंडेनसर कॉइल को वक्त-वक्त पर जांचते रहना जरूरी है और साफ करवाना जरूरी है. ध्यान दें कि इनपर गंदगी ना जमे.
फिल्टर्स को करें साफ या रिप्लेस - रेग्यूलर क्लीनिंग (Regular Cleaning) में यह सुनिश्चचित करें कि आप एसी के फिल्टर्स को वक्त-वक्त पर साफ करते रहें या उन्हें रिप्लेस करवाएं. इससे एसी के एयरफ्लो में रुकावट नहीं आएगी और एसी ओवरहीट नहीं होगा. साफ फिल्टर्स से एयर क्वालिटी भी बेहतर होती है.
वायरिंग का ध्यान रखना - एसी की वायर पुरानी या डैमेज नहीं हुई है इसका ध्यान रखें. अगर कोई वायर खराब हो तो उसे वक्त रहते बदलवा लें.
लगातार ना चलाएं AC - चाहे कितनी ही गर्मी हो लेकिन एसी को लगातार नहीं चलाना चाहिए. बीच-बीच में एसी को ठंडा होने के लिए बंद कर दें. लगातार एसी चलाया जाए तो ओवरहीटिंग (Overheating) से आग लगने की संभावना बढ़ जाती है.
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