Period Blood Color Sign: पीरियड्स महिलाओं में हर महीने होने वाली एक नेचुरल प्रक्रिया है. इस दौरान, महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव का सामना करना पड़ता है. ये बात तो अधिकतर लोग जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि पीरियड्स के समय आपको अपनी ब्लिडिंग पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है? खासकर पीरियड्स में ब्लड का कलर आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बता सकता है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं पीरियड्स के समय किस रंग का ब्लड नॉर्मल होता है और कब आपको हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेने की जरूरत हो सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर फेमस इंटरनेट पर्सनालिटी और डॉक्टर योकेश अरुल ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, पीरियड्स के खून का रंग गाढ़े भूरे से लेकर काला तक हो सकता है. वहीं, हर रंग का ब्लड किसी न किसी हेल्थ कंडीशन का साइन होता है. आइए समझते हैं इस बारे में विस्तार से-
डॉ. के मुताबिक, पीरियड ब्लड का ब्राउन (भूरा) रंग होना आमतौर पर सामान्य होता है. जब ब्लड यूटेरस में कुछ समय तक जमा रहता है और धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो ये ऑक्सीकरण के कारण भूरे रंग का हो जाता है.
डॉ. बताते हैं, अगर पीरियड ब्लड का रंग ऑरेंज है, तो ये सर्वाइकल म्यूकस के चलते हो सकता है. ब्लड में म्यूकस मिक्स हो जाने पर ऐसा होता है. वैसे तो ये कंडीशन नॉर्मल होती है लेकिन अगर आपको हर बार पीरियड्स में ऑरेंज कलर का ब्लड आ रहा है, साथ ही ब्लड से तेज दुर्गंध आती है, तो इस कंडीशन में एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
अगर पीरियड ब्लड का कलर गहरा ग्रे या ब्लैक जैसा नजर आता है, तो ये बैक्टीरियल वेजिनोसिस के चलते हो सकता है. इसके अलावा गर्भपात के कुछ समय बाद भी पीरियड ब्लड का रंग ग्रे दिख सकता है.
डॉ. योकेश पीरियड्स में चमकदार लाल रंग को एकदम नॉर्मल बताते हैं. इसके अलावा जैसा कि ऊपर जिक्र किया गया है, ब्राउन रंग भी सामान्य है.
इन सब से अलग अगर आपको पीरियड्स के खून के रंग या बनावट में अचानक बड़ा बदलाव नजर आए, तो इसे नजरअंदाज न करें. साथ ही अत्यधिक दर्द, दुर्गंध, अनियमित ब्लीडिंग या बेहद हल्का या भारी फ्लो भी इस ओर संकेत कर सकता है कि समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.