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This Article is From May 12, 2020

कोरोनावायरस Lockdown के बाद कुछ ऐसा होगा रेस्‍टोरेंट और होटलों का नजारा

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग कटियार ने कहा कि ये सोचना भी बकवास है कि रेस्‍टोरेंट में डाइनिंग संपर्क रहित होगी.

कोरोनावायरस Lockdown के बाद कुछ ऐसा होगा रेस्‍टोरेंट और होटलों का नजारा
कोरोना काल के बाद रेस्‍टोरेंट और होटलों में टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल बढ़ जाएगा
नई दिल्ली:

रेस्‍टोरेंट में बैठकर आप आपने फोन पर खाने का मेन्‍यू देख कर ऑर्डर करते हैं. रेस्‍टोरेंट में चुनिंदा लोग हैं जो काफी दूरी पर बैठे हैं कि अगर आप चाहें तो उन्हें अनदेखा भी कर सकते हैं. कोरोना-काल के बाद होटलों और रेस्‍टोरेंट में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिलेगा जिसमें तकनीकी का उपयोग बढ़ जाएगा और लोगों से संपर्क कम हो जाएगा. आने वाले समय में शायद यह संपर्करहित भोजन करने या 'कांटैक्टलेस डाइनिंग' की संस्कृति ही हमारा भविष्य होगी.

किताबों में परिकल्पित हमारा भविष्य शायद अब हमारे सामने है. फिलहाल यह 'कांटैक्टलेस डाइनिंग. लोगों में चर्चा का विषय बन चुका है और कई रेस्‍टोरेंट मालिक इस संपर्करहित अभिवादन को स्वीकार करने में सहज नहीं हैं. वहीं जोमैटो जैसी ऑनलाइन कंपनी इस संस्कृति को पूरी तरह बढ़ावा दे रही है.

इस महामारी के कारण व्यवसाय के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं और इस समय राशन, फल-सब्जी से लेकर हर आवश्यक चीज यहां तक की भोजन भी लोगों को संपर्करहित (कॉन्टैक्टलेस) होकर पहुंचाया जा रहा है.

कई रेस्‍टोरेंट मालिकों का कहना है कि पेटीएम, जोमैटो और डाइन आउट जैसी ऑनलाइन कंपनियां जिस 'कांटैक्टलेस डाइनिंग' को बढ़ावा दे रही हैं वो रेस्तरां में बैठकर अपनों के साथ भोजन करने की संस्कृति के संदर्भ में व्यावहारिक नहीं है.

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग कटियार ने कहा कि ये सोचना भी बकवास है कि रेस्‍टोरेंट में डाइनिंग संपर्क रहित होगी.

उन्होंने कहा, "यह वैसा है जैसे कोई कहे कि मुझे चिली चिकन खाना है लेकिन उसमें चिली ना हो."

ग्राहकों द्वारा संपर्करहित रहकर फोन से मेन्‍यू देखकर खाना ऑर्डर करना और फोन से भुगतान करने की प्रक्रिया तो तर्कसंगत है लेकिन भोजन पकाने से लेकर रेस्‍टोरें की मेज पर परोसने तक संपर्क रहित रह पाना अपरिहार्य है.

शुरुआत में अपने फोन से डिजीटल ऑर्डर करने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन इससे पूरी भोजन करने या डाइनिंग प्रक्रिया संपर्क रहित नहीं हो सकती.

कटियार ने बताया, "ग्राहक के रेस्‍टोरें में घुसने से लेकर निकलने तक सैकड़ों चीजें उसके संपर्क में आती हैं और मेन्‍यू उसमें से एक है. यह विचार अच्छा है लेकिन जो संपर्करहित होने का इसे नाम दिया गया है वह पूरी तरह से गलत है."

उन्होंने सुझाया कि इसके लिए 'डिजीटल ऑर्डर' जैसा नाम सही हो सकता था.

घोस्ट किचेन के संस्थापक करण तन्ना ने इणे 'स्मार्ट डाइनिंग' तो प्रियंक सखीजा ने 'लेस कांटैक्ट डाइनिंग' का नाम दिया.

तन्ना के अनुसार रेस्तरां में खाना एक अनुभव है जो बिना संपर्क के संभव नहीं है.

लॉर्ड्स ऑफ द ड्रिंक्स, कैफे जलवा, तमाशा, लज़ीज अफेयर, आरपीएम और फ्लाइंग सॉसर सहित कई रेस्तरां श्रृंखला के मालिक सखीजा ने भी तन्ना की बात पर हामी भरी.

उन्होंने कहा कि कोई आपका खाना बनाएगा, काई प्लेट में सजाएगा तो कोई आपको परोसेगा. इस तरह से आप इस पूरी प्रक्रिया में संपर्क रहित नहीं रह सकते.

बहरहाल, सखीजा ग्राहकों को अपने रेस्‍टोरेंट की पूरी स्वच्छता के बारे में आश्वस्त करने के लिए अतिरिक्त सुविधा देने की योजना बना रहे हैं.

उनके ग्राहक रसोई में पक रहे भोजन को लाइव देख सकेंगे. ऐसी ही सुविधा रोजेट होटल एंड रिसॉर्ट द्वारा भी शुरू की जा रही है.

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