Sugar Side Effects: हम भारतीय मीठा खाने के बड़े शौकीन होते हैं. चाय, कॉफी से अलग हम दिनभर में कई बार डेजर्ट और पैकेज्ड फूड्स के जरिए भी शुगर का सेवन कर लेते हैं. हालांकि, ऐसा करना आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है. ज्यादा मीठा खाने से मोटापा, डायबिटीज, फैटी लिवर और स्किन प्रॉब्लम्स जैसी कई दिक्कतें बढ़ सकती हैं. ऐसे में अच्छी सेहत के लिए मीठे से दूरी बनाना बेहद जरूरी है. आइए हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानते हैं केवल 20 दिनों तक मीठे से परहेज करने से शरीर में कैसे बदलाव नजर आते हैं और ये किस तरह आपकी सेहत में सुधार करता है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इसे लेकर फेमस न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में पोषण विशेषज्ञ कहती हैं, अगर आप केवल 20 दिनों तक शुगर छोड़ दें, तो इससे शरीर में कई पॉजिटिव बदलाव दिखाई देने लगते हैं. जैसे-
न्यूट्रिशनिस्ट कहती हैं, शुगर छोड़ने का सबसे बड़ा फायदा लिवर को मिलता है. इससे लिवर में जमा फैट कम होता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है. साथ ही मीठे से दूरी बनाने पर ALT लेवल (लिवर एंजाइम) भी कम हो जाते हैं, जिससे लिवर हेल्दी तरीके से काम करने लगता है.
मेटाबॉलिज्म होता है एक्टिवजब आप चीनी छोड़ते हैं, तो बॉडी शुगर पर डिपेंड रहने के बजाय फैट बर्न करना शुरू कर देती है. इससे फास्टिंग इंसुलिन लेवल कम होता है और मेटाबॉलिज्म तेजी से काम करने लगता है, जिससे आपको वेट लॉस करने में मदद मिलती है.
लवनीत बत्रा के मुताबिक, 20 दिन बिना शुगर खाए रहने से आंतों की हेल्थ भी सुधरती है. गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और इंफ्लेमेशन से जुड़े हानिकारक बैक्टीरिया कम हो जाते हैं. साथ ही शुगर न खाने से SCFAs (गट-हीलिंग कंपाउंड्स) बढ़ते हैं, जो पाचन को मजबूत बनाते हैं.
ब्रेन और मूड पर असरशुगर छोड़ने से BDNF नाम का ब्रेन ग्रोथ फैक्टर बढ़ता है, जिससे दिमाग की क्लैरिटी, मेमोरी और मूड अच्छा होता है. साथ ही धीरे-धीरे शुगर की क्रेविंग भी खत्म हो जाती है.
ज्यादा शुगर स्किन एजिंग के प्रोसेस को तेज करती है. वहीं, जब आप शुगर छोड़ते हैं तो स्किन हाइड्रेटेड रहती है, पिंपल्स कम होते हैं और स्किन एजिंग भी धीमी होने लगती है.
नींद और एनर्जी लेवल में सुधारइन सब से अलग शुगर न खाने से ब्लड शुगर लेवल स्टेबल रहता है, जिससे दिनभर एनर्जी बनी रहती है. नींद भी गहरी और रिलैक्सिंग होती है क्योंकि कर्टिसोल और मेलाटोनिन का बैलेंस सही हो जाता है.
ऐसे में आप भी शुगर से दूरी बनाकर अपनी सेहत में ये सुधार ला सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.