सिगरेट छोड़ने के बाद शरीर के अंदर काफी बदलाव आते हैं
नई दिल्ली:
अगर एक बार सिगरेट की लत पड़ जाए तो उसे छोड़ना आसान नहीं होता. यही वजह है कि जो लोग सिगरेट छोड़ना चाहते हैं उन्हें बहुत दिक्कतें आती हैं. लेकिन जब आप वाकई में स्मोकिंग छोड़ देते हैं तब क्या होता है? इसमें कोई शक नहीं कि सिगरेट छोड़ने का आपका फैसला आगे चलकर आपकी हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होगा. यही नहीं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है. लेकिन सिगरेट छोड़ने और लत से छुटकारा पाने के दौरान सिर दर्द और घबराहट से जूझना पड़ता है. यही नहीं मूड स्विंग भी होते हैं और कई बार डिप्रेशन तक हो जाता है. यहां पर हम आपको बता रहे हैं कि सिगरेट छोड़ने के बाद आपका शरीर किस तरह रिएक्ट करता है:
आपकी बुरी आदतें कहीं ले न आएं दिल के दौरे का खतरा
20 मिनट बाद
आपका ब्लड प्रेशर और पल्स रेट नॉर्मल हो जाती है. आपके शरीर का तापमान भी नॉर्मल होने लगता है.
8 घंटे के भीतर
आठ घंटे के अंदर आपके शरीर के खून में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा आधी रह जाती है. आपके खून में ऑक्सीजन लेवल भी नॉर्मल होने लगता है. इसी समय आपको सिगरेट पीने की तड़प होती है. जैसे-जैसे आपके शरीर में निकोटीन की मात्रा घटती जाती है वैसे-वैसे आप इसके लिए तड़पने लगते हैं. ऐसे में सिगरेट से अपना ध्यान हटाने के लिए या तो पानी पीएं या चुइंग गम चबाएं.
12 घंटों के बाद
अब तक आपके शरीर में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड नॉर्मल हो जाता है. इससे आपके दिल का तनाव भी कम होने लगता है. दरअसल, खून में जब कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ने लगता है तब शरीर के ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखने के लिए दिल को ज्यादा मात्रा में खून पंप करना पड़ता है.
सिगरेट पीने वालों को मिलती है मुश्किल से नौकरी
दो दिनों में
जो लोग सिगरेट पीते हैं वे सूंघने और स्वाद के मामले में कच्चे होते हैं. दरअसल, सिगरेट उन सेल्स और नसों को नुकसान पहुंचाती है जो सूंघने और स्वाद को महसूस करने के लिए जिम्मेदार हैं. सिगरेट छोड़ने के बाद दो दिनों में ये नसें फिर से नॉर्मल होने लगती हैं. आपके शरीर को टॉक्सिन यानी कि जहरीले तत्वों से आजादी मिलने लगती है और सिगरेट की वजह से आपके फेफड़ों में मौजूद कफ भी कम हो जाता है. शरीर में मौजूद निकोटीन के तत्व भी पूरी तरह से गायब हो जाते हैं. यही वो समय है जब आप सबसे ज्यादा परेशान होने लगते हैं और आपका मन सिगरेट पीने के लिए ललचाने लगता है. यही नहीं आपको चक्कर आने लगते हैं, बेचैनी बढ़ने लगती है और आप बुरी तरह थक जाते हैं.
तीन दिनों के बाद
सिगरेट छोड़ने के तीन दिन बाद मूड स्विंग और चिड़चिड़ाहट चरम पर होती है. आपका शरीर एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा होता है. ऐसे में सिर में तेज दर्द और क्रेविंग होने लगती है. यही वो समय है जब आप फिर से सिगरेट पीने के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं.
दो हफ्तों और तीन महीनों में
इस दौरान आपका स्टैमिना बढ़ने लगता है. वर्क आउट करने और भागने में आपके फेफड़ें आपका ज्यादा साथ निभाने लगते हैं. आपके शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होने लगता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है. हालांकि आपका कठिन समय बीत गया होता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी सिगरेट पीने का मन करने लगता है. कभी-कभी स्मोकिंग छोड़ने पर आपको सिगरेट के साथ-साथ खाने की भी क्रेविंग होने लगती है. नतीजतन आप ज्यादा खाते हैं और वजन बढ़ने लगता है.
इस राज्य में मर्दों से ज़्यादा महिलाएं करती हैं Smoke, गुटखा खाने में भी नंबर-1
नौ महीनों में
अब तक आपके फेफड़े काफी हद तक हेल्दी हो जाते हैं और इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है.
एक साल में
सिगरेट छोड़ने के एक साल बाद दिल की बीमारियों का खतरा आधा रह जाता है.
पांच सालों के बाद
सिगरेट छोड़ने के पांच साल बाद आर्टरी फिर से चौड़ी होने लगती हैं. इसका मतलब है कि खून के जमाव की आशंका कम रह जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है. आने वाले दस सालों में इस स्थिति में और सुधार होने लगता है.
10 सालों के बाद
सिगरेट छोड़ने के दस साल बाद फेफड़ों के कैंसर का खतरा उन लोगों की तुलना में आधा रहा जाता है जो स्मोकिंग जारी रखते हैं. यही नहीं मुंह, गले और पैनक्रिएटिक कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है.
15 सालों के बाद
15 सालों में दिल की बीमारियों और पैनकिएटिक कैंसर का खतरा उतना ही रहता है जितना नॉन स्मोकर्स को होता है. यानी कि इन बीमारियों की आशंका बहुत कम हो जाती है.
20 सालों के बाद
सिगरेट छोड़ने के 20 सालों बाद फेफड़ों की बीमारियों और कैंसर का खतरा उतना ही रहता है जितना उन लोगों को होता है जिन्होंने सिगरेट को कभाी हाथ भी नहीं लगाया होता है.
VIDEO: जानिए आपको कैसे नुकसान पहुंचाती है सिगरेट?
आपकी बुरी आदतें कहीं ले न आएं दिल के दौरे का खतरा
20 मिनट बाद
आपका ब्लड प्रेशर और पल्स रेट नॉर्मल हो जाती है. आपके शरीर का तापमान भी नॉर्मल होने लगता है.
8 घंटे के भीतर
आठ घंटे के अंदर आपके शरीर के खून में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा आधी रह जाती है. आपके खून में ऑक्सीजन लेवल भी नॉर्मल होने लगता है. इसी समय आपको सिगरेट पीने की तड़प होती है. जैसे-जैसे आपके शरीर में निकोटीन की मात्रा घटती जाती है वैसे-वैसे आप इसके लिए तड़पने लगते हैं. ऐसे में सिगरेट से अपना ध्यान हटाने के लिए या तो पानी पीएं या चुइंग गम चबाएं.
12 घंटों के बाद
अब तक आपके शरीर में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड नॉर्मल हो जाता है. इससे आपके दिल का तनाव भी कम होने लगता है. दरअसल, खून में जब कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ने लगता है तब शरीर के ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखने के लिए दिल को ज्यादा मात्रा में खून पंप करना पड़ता है.
सिगरेट पीने वालों को मिलती है मुश्किल से नौकरी
दो दिनों में
जो लोग सिगरेट पीते हैं वे सूंघने और स्वाद के मामले में कच्चे होते हैं. दरअसल, सिगरेट उन सेल्स और नसों को नुकसान पहुंचाती है जो सूंघने और स्वाद को महसूस करने के लिए जिम्मेदार हैं. सिगरेट छोड़ने के बाद दो दिनों में ये नसें फिर से नॉर्मल होने लगती हैं. आपके शरीर को टॉक्सिन यानी कि जहरीले तत्वों से आजादी मिलने लगती है और सिगरेट की वजह से आपके फेफड़ों में मौजूद कफ भी कम हो जाता है. शरीर में मौजूद निकोटीन के तत्व भी पूरी तरह से गायब हो जाते हैं. यही वो समय है जब आप सबसे ज्यादा परेशान होने लगते हैं और आपका मन सिगरेट पीने के लिए ललचाने लगता है. यही नहीं आपको चक्कर आने लगते हैं, बेचैनी बढ़ने लगती है और आप बुरी तरह थक जाते हैं.
तीन दिनों के बाद
सिगरेट छोड़ने के तीन दिन बाद मूड स्विंग और चिड़चिड़ाहट चरम पर होती है. आपका शरीर एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा होता है. ऐसे में सिर में तेज दर्द और क्रेविंग होने लगती है. यही वो समय है जब आप फिर से सिगरेट पीने के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं.
दो हफ्तों और तीन महीनों में
इस दौरान आपका स्टैमिना बढ़ने लगता है. वर्क आउट करने और भागने में आपके फेफड़ें आपका ज्यादा साथ निभाने लगते हैं. आपके शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होने लगता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है. हालांकि आपका कठिन समय बीत गया होता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी सिगरेट पीने का मन करने लगता है. कभी-कभी स्मोकिंग छोड़ने पर आपको सिगरेट के साथ-साथ खाने की भी क्रेविंग होने लगती है. नतीजतन आप ज्यादा खाते हैं और वजन बढ़ने लगता है.
इस राज्य में मर्दों से ज़्यादा महिलाएं करती हैं Smoke, गुटखा खाने में भी नंबर-1
नौ महीनों में
अब तक आपके फेफड़े काफी हद तक हेल्दी हो जाते हैं और इंफेक्शन का खतरा भी कम हो जाता है.
एक साल में
सिगरेट छोड़ने के एक साल बाद दिल की बीमारियों का खतरा आधा रह जाता है.
पांच सालों के बाद
सिगरेट छोड़ने के पांच साल बाद आर्टरी फिर से चौड़ी होने लगती हैं. इसका मतलब है कि खून के जमाव की आशंका कम रह जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है. आने वाले दस सालों में इस स्थिति में और सुधार होने लगता है.
10 सालों के बाद
सिगरेट छोड़ने के दस साल बाद फेफड़ों के कैंसर का खतरा उन लोगों की तुलना में आधा रहा जाता है जो स्मोकिंग जारी रखते हैं. यही नहीं मुंह, गले और पैनक्रिएटिक कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है.
15 सालों के बाद
15 सालों में दिल की बीमारियों और पैनकिएटिक कैंसर का खतरा उतना ही रहता है जितना नॉन स्मोकर्स को होता है. यानी कि इन बीमारियों की आशंका बहुत कम हो जाती है.
20 सालों के बाद
सिगरेट छोड़ने के 20 सालों बाद फेफड़ों की बीमारियों और कैंसर का खतरा उतना ही रहता है जितना उन लोगों को होता है जिन्होंने सिगरेट को कभाी हाथ भी नहीं लगाया होता है.
VIDEO: जानिए आपको कैसे नुकसान पहुंचाती है सिगरेट?
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