लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतें मुगल काल की याद दिलाती हैं
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है. नवाबों के शहर लखनऊ में आज भी नवाबी संस्कृति साफ तौर पर दिखाई देती है. फिर चाहे ऐतिहासिक इमारतें हों जो मुगल आर्किटेक्चर का बेजोड़ नमूना पेश करती हों या शहर के कोने-कोने में मौजूद लजीज व्यंजन. इस शहर में खाने, घूमने और शॉपिंग के लिए बहुत कुछ है. आप जैसे-जैसे इस शहर को नजदीक से जानेंगे वैसे-वैसे आपको इसका पुराना और मॉडर्न अंदाज भाने लगेगा.
अमृतसर जाएं तो जरूर करें ये 8 काम
तो अगर आप लखनऊ जाने का मन बना रहे हैं तो इन 7 चीजों को करना हरगिज न भूलें:
1. बड़ा इमामबाड़ा
लखनऊ घूमने की शुरुआत बड़ा इमामबाड़ा से करें. इसे आसिफ उद्दौला ने बनवाया था. अकाल के वक्त जनता की मदद करने के मकसद से इसका निर्माण किया गया था. अकाल के दौरान काम के बदले अनाज देकर लोगों की मदद की जाती थी. इसके दरवाजे, विशाल गुम्बद और खूबसूरत बगीचे आपको मुगल काल की याद दिलाने के लिए काफी हैं. यहीं पर भूल भुलैया और शाही बाओली भी है.
2. टुंडे कबाब
खाने के शौकीनों के लिए लखनऊ का मतलब टुंडे कबाब भी है. वैसे तो टुंडे कबाब के नाम से लखनऊ भर में ढेरों आउटलेट्स हैं लेकिन असली टुंडे कबाब की दुकान चौक पर है. हां, इस दुकान तक पहुंचने के लिए आपको संकरी और भीड़-भाड़ वाली गलियों से गुजरना होगा. कहा जाता है कि ये कबाब बिना दांतों वाले नवाब के लिए बनाए थे और इनमें 120 मसाले डाले जाते हैं.
3. चिकनारी
फिल्म 'जॉली एलएलबी 2' में एक डायलॉग है, 'लखनऊ में चिकन खाते भी हैं और पहनते भी हैं.' जी हां, लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई देश-विदेश में मशहूर है. आप जब भी लखनऊ जाएं वहां से चिकनकारी वाले कपड़े खरीदना न भूलें. यहां पर आपको चिकन के सूट, साड़ी, कुर्ते और अनारकली मिल जाएंगे.
4. टोकरी चाट
स्ट्रीट फूड के मामले में लखनऊ से बेहतर कोई जगह नहीं है. यहां कोने-कोने पर आपको चाट के ठेले मिल जाएंगे और यकीन मानिए कि क्वालिटी और टेस्ट में कोई किसी से कम नहीं. टिक्की, गोलगप्पे के अलावा लखनऊ टोकरी चाट के लिए भी मशहूर है. इस टोकरी चाट में एक टोकरी में छोटे उबले आलू, स्प्राउट्स, अनार के दाने, दही, सोंठ, पुदीने की चटनी और बहुत कुछ होता है. यहां आप मटर चाट, दही भल्ला और पापड़ी चाट का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
5. ब्रिटिश रेजीडेंसी
हालांकि लखनऊ में अब ब्रिटिश रेजीडेंसी जैसा कुछ बचा नहीं है लेकिन फिर भी यहां जाकर चहलकदमी करने से आपको गुजरे जमाने की याद आ जाएगी. अंग्रेजों के जमाने में यह ब्रिटिश जनरल का घर था जो नवाबों की अदालत में ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व किया करता था.
6. रूमी दरवाज़ा
लखनऊ में मुगल आर्किटेक्चर का एक और बेहतरीन उदाहरण है रूमी दरवाज़ा. इस खूबसूरत जगह को देखकर आपको मुगल काल में लखनऊ की शानो-शौकत क्या रही होगी इसका अंदाजा हो जाएगा. रूमी दरवाज़ा 60 फीट लंबा है. कहा जाता है कि इस्तांबुल के महान दरवाज़े को ध्यान में रखकर रूमी दरवाज़ा बनाया गया था.
अमृतसर जाएं तो जरूर करें ये 8 काम
तो अगर आप लखनऊ जाने का मन बना रहे हैं तो इन 7 चीजों को करना हरगिज न भूलें:
1. बड़ा इमामबाड़ा
लखनऊ घूमने की शुरुआत बड़ा इमामबाड़ा से करें. इसे आसिफ उद्दौला ने बनवाया था. अकाल के वक्त जनता की मदद करने के मकसद से इसका निर्माण किया गया था. अकाल के दौरान काम के बदले अनाज देकर लोगों की मदद की जाती थी. इसके दरवाजे, विशाल गुम्बद और खूबसूरत बगीचे आपको मुगल काल की याद दिलाने के लिए काफी हैं. यहीं पर भूल भुलैया और शाही बाओली भी है.
2. टुंडे कबाब
खाने के शौकीनों के लिए लखनऊ का मतलब टुंडे कबाब भी है. वैसे तो टुंडे कबाब के नाम से लखनऊ भर में ढेरों आउटलेट्स हैं लेकिन असली टुंडे कबाब की दुकान चौक पर है. हां, इस दुकान तक पहुंचने के लिए आपको संकरी और भीड़-भाड़ वाली गलियों से गुजरना होगा. कहा जाता है कि ये कबाब बिना दांतों वाले नवाब के लिए बनाए थे और इनमें 120 मसाले डाले जाते हैं.
3. चिकनारी
फिल्म 'जॉली एलएलबी 2' में एक डायलॉग है, 'लखनऊ में चिकन खाते भी हैं और पहनते भी हैं.' जी हां, लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई देश-विदेश में मशहूर है. आप जब भी लखनऊ जाएं वहां से चिकनकारी वाले कपड़े खरीदना न भूलें. यहां पर आपको चिकन के सूट, साड़ी, कुर्ते और अनारकली मिल जाएंगे.
4. टोकरी चाट
स्ट्रीट फूड के मामले में लखनऊ से बेहतर कोई जगह नहीं है. यहां कोने-कोने पर आपको चाट के ठेले मिल जाएंगे और यकीन मानिए कि क्वालिटी और टेस्ट में कोई किसी से कम नहीं. टिक्की, गोलगप्पे के अलावा लखनऊ टोकरी चाट के लिए भी मशहूर है. इस टोकरी चाट में एक टोकरी में छोटे उबले आलू, स्प्राउट्स, अनार के दाने, दही, सोंठ, पुदीने की चटनी और बहुत कुछ होता है. यहां आप मटर चाट, दही भल्ला और पापड़ी चाट का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
5. ब्रिटिश रेजीडेंसी
हालांकि लखनऊ में अब ब्रिटिश रेजीडेंसी जैसा कुछ बचा नहीं है लेकिन फिर भी यहां जाकर चहलकदमी करने से आपको गुजरे जमाने की याद आ जाएगी. अंग्रेजों के जमाने में यह ब्रिटिश जनरल का घर था जो नवाबों की अदालत में ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व किया करता था.
6. रूमी दरवाज़ा
लखनऊ में मुगल आर्किटेक्चर का एक और बेहतरीन उदाहरण है रूमी दरवाज़ा. इस खूबसूरत जगह को देखकर आपको मुगल काल में लखनऊ की शानो-शौकत क्या रही होगी इसका अंदाजा हो जाएगा. रूमी दरवाज़ा 60 फीट लंबा है. कहा जाता है कि इस्तांबुल के महान दरवाज़े को ध्यान में रखकर रूमी दरवाज़ा बनाया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं