प्रतीकात्मक तस्वीर
अगर इनदिनों आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि फेसबुक या बाकी सोशल मीडिया साइट्स पर आपके पोस्ट्, अपडेट्स और कमेंट्स की वैल्यू खत्म हो रही है। अगर आपको लगता है कि आप 'भक्तों' को अपनी बात साबित करने में फेल हो रहे हैं तो हम आपकी मदद के लिए कुछ खास टिप्स बटोर कर लाए हैं।
जितनी जल्दी हो सके रिप्लाई करें
अगर आपको किसी बहस में विजयी होना है तो जितनी जल्दी हो कमेंट पर रिप्लाई करें। ऐसा करने से न सिर्फ वो शख्स जिनके साथ आपकी बहसबाजी चल रही है, बल्कि हर वो शख्स जिनतक उस पोस्ट से जुड़े नोटिफिकेशन्स जाएंगे उनके पास आपके विचार ज्यादा तादाद में होंगे। अब जब आपकी बात ज्यादा से ज्यादा पहुंचेगी, तो जाहिर है उसका असर तो होगा ही। फौरन कमेंट करने से आपकी स्मार्टनेस और हाजिरजवाबी का भी प्रचार प्रसार होगा।
(Ctr C + Ctr V) वाला फॉर्मूला अपनाइये
जनाब केवल कानून ही नहीं, फेसबुकिया बहस भी सबूत मांगता है। इसलिए जब भी आप अपनी बात रखें, उससे जुड़े तथ्य भी पेश करें। ज्यादा लिखने की झंझट से बचना है तो किसी ऑनलाइन साइट पर मौजूद संबंधित स्टोरी या आर्टिकल का लिंक अपने कमेंट के साथ चिपका दीजिए।
दोस्तों की मदद लें
दोस्त वहीं जो आपके पोस्ट पर लाइक्स और भर भर कर कमेंट्स करे। ऐसे दोस्तों को चिह्नित करें और जब आप किसी से बहसबाजी में हार रहे हों, ये सुनिश्चित करें कि आपके दोस्त इसमें कूद पड़ें और आपके पक्ष में तर्क पेश करें। इस ग्रुपबाजी का बहुत असर पड़ेगा। ट्राई करके तो देखिए।
कमेंट करें, रिसर्च पेपर न प्रस्तुत करें
अगर आप आमने-सामने किसी से डिबेट कर रहे हैं तो ये काम घंटों तक कर सकते हैं, सामने वाले की बात देर तक सुन सकते हैं। लेकिन अगर आप फेसबुक पर लंबे लंबे तर्क पेश करेंगे तो उस बहसबाजी को फॉलो कर रहे बाकी लोग बोर हो जाएंगे और पोस्ट से जुड़े नोटिफिकेशन्स म्यूट कर देंगे। इसलिए अपनी बात छोटी और मजेदार ढंग से रखें।
बहस को उस दिशा में घुमाएं जिनपर सामने वाले ने कुछ नहीं कहा
आप अपनी बात को कैटेगरी में बांटे। हर कैटेगरी में मुद्दे से जुड़े अलग अलग पहलुओं को रखें। अब जैसे जैसे बहस आगे बढ़ेगी वैसे वैसे अपने पत्ते खोलिए। एक बार में अपनी सारी बात कहने से अच्छा है, आप स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़ें।
जितनी जल्दी हो सके रिप्लाई करें
अगर आपको किसी बहस में विजयी होना है तो जितनी जल्दी हो कमेंट पर रिप्लाई करें। ऐसा करने से न सिर्फ वो शख्स जिनके साथ आपकी बहसबाजी चल रही है, बल्कि हर वो शख्स जिनतक उस पोस्ट से जुड़े नोटिफिकेशन्स जाएंगे उनके पास आपके विचार ज्यादा तादाद में होंगे। अब जब आपकी बात ज्यादा से ज्यादा पहुंचेगी, तो जाहिर है उसका असर तो होगा ही। फौरन कमेंट करने से आपकी स्मार्टनेस और हाजिरजवाबी का भी प्रचार प्रसार होगा।
(Ctr C + Ctr V) वाला फॉर्मूला अपनाइये
जनाब केवल कानून ही नहीं, फेसबुकिया बहस भी सबूत मांगता है। इसलिए जब भी आप अपनी बात रखें, उससे जुड़े तथ्य भी पेश करें। ज्यादा लिखने की झंझट से बचना है तो किसी ऑनलाइन साइट पर मौजूद संबंधित स्टोरी या आर्टिकल का लिंक अपने कमेंट के साथ चिपका दीजिए।
दोस्तों की मदद लें
दोस्त वहीं जो आपके पोस्ट पर लाइक्स और भर भर कर कमेंट्स करे। ऐसे दोस्तों को चिह्नित करें और जब आप किसी से बहसबाजी में हार रहे हों, ये सुनिश्चित करें कि आपके दोस्त इसमें कूद पड़ें और आपके पक्ष में तर्क पेश करें। इस ग्रुपबाजी का बहुत असर पड़ेगा। ट्राई करके तो देखिए।
कमेंट करें, रिसर्च पेपर न प्रस्तुत करें
अगर आप आमने-सामने किसी से डिबेट कर रहे हैं तो ये काम घंटों तक कर सकते हैं, सामने वाले की बात देर तक सुन सकते हैं। लेकिन अगर आप फेसबुक पर लंबे लंबे तर्क पेश करेंगे तो उस बहसबाजी को फॉलो कर रहे बाकी लोग बोर हो जाएंगे और पोस्ट से जुड़े नोटिफिकेशन्स म्यूट कर देंगे। इसलिए अपनी बात छोटी और मजेदार ढंग से रखें।
बहस को उस दिशा में घुमाएं जिनपर सामने वाले ने कुछ नहीं कहा
आप अपनी बात को कैटेगरी में बांटे। हर कैटेगरी में मुद्दे से जुड़े अलग अलग पहलुओं को रखें। अब जैसे जैसे बहस आगे बढ़ेगी वैसे वैसे अपने पत्ते खोलिए। एक बार में अपनी सारी बात कहने से अच्छा है, आप स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़ें।
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