कोरोनावायरस से बचने के लिए सरकार ने दिय होम्‍योपैथी इलाज का सुझाव, जमकर हो रही आलोचना

आयुष मिनिस्ट्री की एडवाइजरी को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा. आयुष मंत्रायल की इस एडवाइजरी पर सबसे ज्यादा मेडिकल बैकग्राउंड के लोग ट्वीट कर रहे हैं और मंत्रायलय से सवाल कर रहे हैं.

कोरोनावायरस से बचने के लिए सरकार ने दिय होम्‍योपैथी इलाज का सुझाव, जमकर हो रही आलोचना

चीन में कोरोनावायरस के कारण अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के रोकथाम के उपाय जारी किए हैं. मंत्रालय के अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणालियां आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी पर आधारित सुझाव जारी किए हैं. आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार रोकथाम प्रबंधन के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं. इन उपायों में व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक धोने की सलाह दी गई है.

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इसके अलावा आयुर्वेदिक उपाय में कहा गया है कि शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन और नागर) प्रसंस्कृत पानी (एक लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें. इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पिएं. इसके अलावा कहा गया है कि बिना धोए हाथों से अपनी आंखें, नाक और मुंह छूने से बचें. यह भी कहा गया है कि जो लोग बीमार हैं, उनसे निकट संपर्क से बचें. बीमार होने पर घर पर रहें. खांसी या छींक के दौरान अपना मुंह ढंक लें और खांसने या छीेंकने के तुरंत बाद अपने हाथों को धो लें.

जारी की गई एडवाइजरी का नाम ''कोरोनावायरस इंफेक्शन की रोकथाम के लिए होम्योपैथी'' है, जिसमें बताया गया है कि किस तरह से घरेलू उपचार इस वायरस से बचने के लिए कारगर हैं. आपको बता दें, इस वायरस के कारण चीन में अब तक 170 लोगों की मौत हो गई है. 

आपको बता दें, यह वायरस चीन के वूहान (Wuhan) में सीफूड और जानवरों की मार्केट से फैला है, जिसे वायरस का एपिसेंटर (Epicenter) कहा जा रहा है. वूहान से शुरू हुआ यह वायरस काफी तेजी से दुनिया के अन्य देशों में भी फैल रहा है. हालांकि, अब तक इस वायरस को रोकने के लिए किसी तरह के इलाज के बारे में पता नहीं लगाया जा सका है और रिसर्चर लगातार इसकी वैक्सीन (Vaccine) बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. 

दुनिया भर के देश इस वायरस से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं और इसी बीच जारी हुई आयुष मिनिस्ट्री की एडवायजरी को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा. आयुश मंत्रायल की इस एडवायजरी पर सबसे ज्यादा मेडिकल बैकग्राउंड के लोग ट्वीट कर रहे हैं और मंत्रायलय से सवाल कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, ''मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या किसी होम्योपैथी और यूनानी के छात्र ने माइक्रोबायोलोजी के बारे में पढ़ा है?''

वहीं कइयों ने सवाल किया क्या सही में यूनानी दवाई इस इंफेक्शन को रोक सकती है. एक यूजर ने लिखा, ''क्या यह सच है? क्या होम्योपैथी और यूनानी दवाई का इस्तेमाल इंफेक्शन को रोकने के लिए किया जा सकता है, जैसा कि इसमें दावा किया गया है''. वहीं एक अन्य ने लिखा, ''कभी न इस्तेमाल की गई होम्योपैथी और यूनानी दवाइयों की लंबी लिस्ट से कोरोनावयरस को रोकने का दावा किया जा रहा है.''

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, कोरोनावायरस के शुरुआती लक्षणों में बुखार, खांसी-जुखाम, सांस लेने में परेशानी आदि शामिल है. 

(इनपुट आईएएनएस से भी)

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