6-7 साल के बच्चे का बढ़ने लगा है वजन, तो आज से ही करवाना शुरू कर दीजिए डॉक्टर के बताए ये काम, दूर हो जाएगा मोटापा

Obesity In Children: कम उम्र ही मोटापे का शिकार होने पर बड़े होकर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में यहां जानिए बच्चों का वजन कम करने के लिए बच्चों की डॉक्टर क्या सलाह दे रही हैं. 

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Weight Loss Tips For Kids: यहां जानिए किस तरह घटेगा छोटे बच्चों का वजन. 

Children's Health: आजकल बच्चों के खानपान में रोजाना कुछ ना कुछ बाहर का जरूर होता है. कभी बच्चे दुकान से 5 रुपए की कोई चीज ले आते हैं तो कभी मम्मी के साथ मार्कट जाकर मोमोज या चाउमीन खाने की जिद करते हैं. वहीं, पापा चॉक्लेट और पिज्जा वगैरह ले आएं तो रात में कुछ खाने का मन नहीं होता और इन्हीं चुटुर-मुटुर चीजों से बच्चे अपना पेट भर लेते हैं. लेकिन, बच्चों की डॉक्टर (Pediatrician) माधवी भारद्वाज का कहना है कि बच्चों का वजन अगर 6-7 साल की उम्र में ही बढ़ जाएगा तो आगे चलकर उन्हें मोटापे की वजह से डायबिटीज जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. ऐसे में डॉक्टर सभी माता-पिता को सलाह दे रही हैं कि घर में ही बच्चों से कुछ काम करवाने चाहिए जिससे बच्चों में मोटापे की दिक्कत ना हो और बच्चा अगर मोटा हो गया है तो खुद ब खुद फिट होने लगेगा. 

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बच्चा ना हो मोटा इसके लिए जरूर करें ये काम 

पीडियाट्रिशियन का कहना है कि बच्चों को बाहर का खाना कम से कम खिलाएं, बाहर के जंक फूड्स (Junk Foods) खाने की वजह से बच्चों का वजन तेजी से बढ़ने लगता है. 

बच्चों से पैरेंट्स लाड़-प्यार के चलते कोई काम नहीं कराते और यहां तक कि बच्चों के काम भी माता-पिता कर देते हैं. डॉक्टर का कहा है कि पैरेंट्स को इस आदत को बदलना होगा. बच्चों की लाइफ में एक्टिविटी बहुत जरूरी होती है. बच्चे से कहें कि अपने कपड़े निकाले, जूते पॉलिश करे, जूते पहने, अपना बैग खुद बनाएं, पलंग साफ करें, खिलौने उठाकर रखें, खाना खुद उठाकर लेकर जाएं और किचन में खाली बर्तन रखकर आएं. इस तरह के कामों से बच्चा एक्टिव रहता है और बच्चे का वजन भी कम होने लगता है. 

बच्चे का वजन ज्यादा हो तो उसकी गर्दन पर दिखने वाला कालापन मैल नहीं होता बल्कि यह इंसुलिन रेसिस्टेंस की वजह से हो सकता है. इससे भविष्य में बच्चे को डायबिटीज (Diabetes) हो सकता है. ऐसे में बच्चे का वजन कम करना जरूरी होता है. 

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मोटापे की वजह से बच्चे को रात के समय अच्छी नींद नहीं मिल पाती क्योंकि सही तरह से सांस लेने में दिक्कत होने से खर्राटे आते हैं और बच्चा एयर फ्लो बेहतर ना होने की वजह से रातभर करवट ही बदलता रह जाता है. ऐसे में बच्चे में चिड़चिड़ापन भी देखने को मिलता है.

डॉक्टर का कहना है कि बच्चे के बढ़ते वजन (Weight Gain) को वक्त रहते कंट्रोल में करना जरूरी होता है नहीं तो लड़कियों को बढ़े होकर पीसीओएस की दिक्कत भी हो सकती है. वहीं, मोटापा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतों का कारण बन सकता है.

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