Women Health: हार्मोनल इंबैलेंस के चलते महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इनमें मोटापा, इर्रेगुलर पीरियड्स, मूड स्विंग्स, ब्लोटिंग और PCOS की समस्या सबसे आम है. अब, इन तमाम परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं कई तरह की दवाओं का सहारा लेने पर मजबूर हो जाती हैं. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सही लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट की मदद से बिना दवाओं के भी हार्मोन्स को बैलेंस किया जा सकता है. खासकर डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल करने से हार्मोनल हेल्थ में बड़ा फर्क आ सकता है. न्यूट्रिशनिस्ट अश्विनी सेल्वराज ने 4 ऐसे ही सीड्स के बारे में बताया है.
मामले को लेकर न्यूट्रिशनिस्ट अश्विनी सेल्वराज ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इसमें उन्होंने महिलाओं के लिए खास 4 बीजों के फायदे बताए हैं. न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, केवल 4 बीजों को अपनी डेली डाइट में शामिल करने से अनियमित पीरियड्स, PCOS, मूड स्विंग्स, ब्लोटिंग या शरीर पर बढ़ते जिद्दी फैट से छुटकारा पाया जा सकता है. आइए जानते हैं इन 4 बीजों के बारे में, साथ ही जानेंगे ये किस तरह महिलाओं को फायदा पहुंचा सकते हैं.
महिलाओं को जरूर खाने चाहिए ये 4 बीज
नंबर 1- अलसी के बीज (Flax Seeds)न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिग्नान भरपूर मात्रा में होते हैं. ये शरीर में एस्ट्रोजन का बैलेंस बनाए रखते हैं. एस्ट्रोजन का सही लेवल होने के चलते महिलाओं को हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से होने वाले मोटापे से छुटकारा मिलता है, इसके अलावा पीरियड्स में दर्द की परेशानी भी नहीं होती है.
न्यूट्रिशनिस्ट मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले 14 दिनों (Day 1–14) में दही, स्मूदी या पानी के साथ रोज अलसी के बीज खाने की सलाह देती हैं.
कद्दू के बीजों में जिंक और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो हार्मोनल एक्ने, मूड स्विंग्स को कम करने और प्रोजेस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने में मदद करते हैं.
न्यूट्रिशनिस्ट इन बीजों को भी मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले 14 दिनों के दौरान हल्का भूनकर खाने की सलाह देती हैं.
नंबर 3- सूरजमुखी के बीज (Sunflower seeds)सूरजमुखी के बीज PMS के लक्षणों जैसे चिड़चिड़ापन, ब्रेस्ट टेंडरनेस और ब्लोटिंग को कम करने में मदद करते हैं. इससे अलग ये शरीर से एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं.
कैसे खाएं?न्यूट्रिशनिस्ट इन बीजों को मेंस्ट्रुअल साइकिल के 15 से 28 दिनों तक रोज लंच के बाद या सलाद में डालकर खाने की सलाह देती हैं.
नंबर 4- तिल के बीज (Sesame seeds)अश्विनी सेल्वराज बताती हैं, कैल्शियम, जिंक और हेल्दी फैट्स से भरपूर तिल के बीज प्रोजेस्टेरोन को सपोर्ट करते हैं और शरीर में इंफ्लेमेशन को कम करते हैं.
कैसे खाएं?न्यूट्रिशनिस्ट इन बीजों को मेंस्ट्रुअल साइकिल के 15 से 28 दिनों तक रोज खाने की सलाह देती हैं. आप इन बीज से लड्डू बना सकते हैं, चटनी बना सकते हैं या सब्जी पर छिड़ककर भी खा सकते हैं.
यानी आपको मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले 1 से 14 दिनों तक फ्लैक्स सीड्स और पंपकिन सीड्स खाने हैं और फिर बाद के 15 से 28 दिनों तक सनफ्लावर सीड्स और तिल के बीज खाने हैं.
न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं, ये हार्मोन को अंदर से ठीक करने का तरीका है. इस तरीके को सही खानपान और हल्की एक्सरसाइज के साथ अपनाने से PCOS के चलते मोटापे को कम करने में मदद मिल सकती है, साथ ही आपके हार्मोन्स भी बैलेंस रहने लगेंगे.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.