National Technology Day 2017
दादी के नुस्खों का टेक्नोलॉजी से कोई मुकाबला नहीं, मौसम के बदलने का टेक्नोलॉजी से कोई मुकाबला नहीं! दरअसल टेक्नोलॉजी का मुकाबला है तो आने वाली एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से. हर वर्ष 11 मई को मनाए जाने वाले 'राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी दिवस' की शुरुआत 1998 से हुई थी. यह दिवस ऑपरेशन शक्ति के परमाणु परीक्षण के पहले पांच टेस्ट की वर्षगांठ मनाने के लिए मनाया जाता है. प्रत्येक वर्ष इस दिवस को अलग-अलग थीम से मनाया जाता है. इस दिन राष्ट्र गर्व के साथ अपने वैज्ञानिको की उपलब्धियों को याद करता है और जश्न मनाता है.
आज के दौर में सारा खेल सिर्फ एक बटन दबाने का है. बटन दबाओ तो एसी ऑन हो जाता है, बटन दबाओ तो खाना गरम हो जाता है, लगता ही नहीं की कोई काम मुश्किल है. यकीन मानिये मैं बटन दबती हूं तो कैब बुक हो जाती है, बटन दबाती हूं तो खाना आर्डर हो जाता है, बटन दबती हूं तो फिल्म की टिकट बुक हो जाती है, ऐसा कुछ है ही नहीं जो नामुमकिन सा लगता हो. सच में टेक्नोलॉजी ने मानो हमारी जिंदगी पर राज कर लिया हो. आइये पढ़ते हैं "टेक्नोलॉजी फ्लैशबैक" बुक:
1. मोबाइल फोन्स
आज मेरे पास मोबाइल फोन है, पहले घरों में सिर्फ एक लैंडलाइन होता था. पहले मेरे पड़ोसियों के लिए फोन भी हमारे घर आते थे. पर्सनल बात करने की प्राइवेसी नहीं थी. पर टेक्नोलॉजी के कमाल से मोबाइल फोन ने ये सारी परेशानियां खत्म कर दी हैं. नार्मल फोन्स से लेकर स्मार्टफोन्स अलग-अलग फीचर्स के साथ मार्किट में उप्लब्ध हैं. मैंने जब अपने पापा को स्मार्टफोन यूज़ करना सिखाया तो उनके रिस्पांस ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया, पापा ने कहा... "हुन्न मैं तैनू हर छोटे कम लई तंग नी करांगां". मतलब ये की अब मेरे पापा भी टेक्नोलॉजी फ्रिक बन गए हैं.
2. नेट बैंकिंग
वो दिन गए जब मैं पैसे निकलवाने या जमा करने के लिए फॉर्म भरके बैंक की लाइन में खड़ी रहती थी. पर इस परेशानी से भी अपडेटेड टेक्नोलॉजी ने छुटकारा दिलवाया. अब बस लैपटॉप खोलो, और इंटरनेट के ज़रिये कहीं भी बैठे अपने बिल्स पेय करो. सच बताओं तो नेट बैंकिंग ने मुझे कैलक्युलेटिव बना दिया है. अब मेरा बजट बैलेंस में रहता है. शॉपिंग, रेंट , इन्वेस्टमेंट, सोशल लाइफ सब अच्छे से मैनेज हो जाता है. नेट बैंकिंग के साथ साथ आजकल मैं कैशबैक ऑफर्स का भी लुत्फ उठा रही हूं. ऑनलाइन पेमेंट करने पर आपको डिस्काउंट या फिर कैशबैक मिलता है. हर बैंक के अलग अलग ऑफर्स होते हैं. तो देर मत कीजिये और उठाइये इसका भरपूर फायदा.
3. गूगल मैप्स
मुझे रास्ते कभी याद नहीं होते थे, और जॉब के लिए अनजान शहर में रहकर नयी नयी जगह जाना बडा मुश्किल लगता था. पर एडवांस टेक्नोलॉजी ने ये समस्या भी हल कर दी. अब गूगल मैप्स के जरिये आप जान सकते हैं - किसी भी जगह का रूट, वहां तक पहुंचने में समय कितना लगेगा, ट्रैफिक कहां-कहां मिलेगा, रूट के बीच में कहां पेट्रोल पंप है, इत्यादि. एक स्मार्टफोन और अच्छा इंटरनेट हो तो मैं तो कहीं गुम नहीं हो सकती. इस टेक्नोलॉजी ने मुझे एक इंडिपेंडेंट ट्रैवलर बना दिया.
मैं एक वर्किंग वुमन हूं, और बार बार खाना बनाने में मेरा काफी समय जाता है. जब मैं छोटी थी तो गर्मी में मम्मी को तीन टाइम का खाना बनाते देख बुरा लगता था. माना की गर्म और ताजा खाना खाना किसको अच्छा नहीं लगता, पर वर्किंग वुमेन्स के लिए ये हर बार करना संभव नहीं होता. और इसी मुसीबत से छुटकारा दिलाया माइक्रो वेव्स ने. अब मैं दो टाइम खाना बनती हूं, दो टाइम ताजा खाना और एक बार माइक्रो वेव करके मेरा टाइम अच्छे से मैनेज हो जाता है. लड़के जिन्हे किचन से परहेज होता है उनके लिए तो ये हंगर सेविंग टूल है. बच्चों की पंसदीदा मैगी भी इसमें आराम से बन जाती है और उनके लिए यह इजी टू यूज है.
5. फुल्ली ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन्स
अब चाहे मौसम कैसा भी हो, घर में कितने भी मेहमान आये हो, चाहे रात हो या दिन... कपडे धोने और उनको सुखाने की चिक-चिक हुई खत्म. बस एक बटन दबाओ और आपके कपडे धुलकर सूख जायेंगे. मेरे घर में जबसे फुल्ली आटोमेटिक वाशिंग मशीन आयी है तबसे मम्मी तो मानो अच्छी खासी सोशल लाइफ जी रही हैं. पहले उन्हें बहुत टेंशन होती थी की मैंने कपड़े धोने हैं तो मैं मार्किट नहीं जाऊंगी, मौसम खराब है कपडे कैसे सूखेंगे, पर जबसे ये मैजिकल टूल हमारे घर में आया है लाइफ मानो ‘इजी टू लिव’ हो गयी है. अब मम्मी अपनी किटी पार्टीज, गुरुद्धारे जाना, स्कूल और सब कुछ आसानी से मैनेज कर लेती हैं. और नहीं तो कुछ मुझसे फ़ोन पर तस्सली से बात कर लेती हैं. घंटो लाइन में खड़े होकर ट्रेन की टिकट लेना किस को अच्छा लगता था. पापा रेलवे में हैं मगर, हर बार पापा भी काम नहीं आते. लेकिन जबसे ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हुई है, मैं इंडिपेंडेंट ही नहीं बल्कि अपने टिकट को लेकर रिलैक्स्ड हो गयी हूं. फिर चाहे दो महीने बाद ट्रेवल करना हो या दो दिन बाद, अब मुझे टिकट की टेंशन बिलकुल नहीं होती. और भी बेहतर, क्यूंकि अब तत्काल टिकट भी हम ऑनलाइन ही ले सकते हैं. मेरी दादी को घूमने का बहुत शौंक है, जब उन्हें ऑनलाइन बुकिंग के बारे में पता चला तो तुरंत मुझे फोन करके बोली, बेटा अब हर महीने में घूमने जाऊंगी तो मेरी टिकट ऑनलाइन करवा देना.... और मैं दंग रह गयी. मन ही मन में मैंने बोला इसे कहते हैं 'फास्ट फॉरवर्ड'. ऑनलाइन ट्रेन की टिकट यहां से निकालें: www.irctc.co.in , www.goibibo.com, www.paytm.com
टेक्नोलॉजी तो एडवांस होती जाएगी, बस हमारी जिम्मेदारी ये है की हम इसका सही उपयोग करे. मैं हर वर्ष नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर खुद को एक नयी टेक्नोलॉजी से अपडेट करती हूं. और मेरी इस बार की थीम है... "द 360-डिग्री सेल्फी". आप भी कीजिये इस नए ट्रेंड को डिस्कवर और उठाएं इसका लाभ. ध्यान रखियेगा, टेक्नोलॉजी को दोस्त बनाकर चलिए जिन्दगी बहुत आसान लगने लगेगी.
हैप्पी नेशनल टेक्नोलॉजी डे!
आज के दौर में सारा खेल सिर्फ एक बटन दबाने का है. बटन दबाओ तो एसी ऑन हो जाता है, बटन दबाओ तो खाना गरम हो जाता है, लगता ही नहीं की कोई काम मुश्किल है. यकीन मानिये मैं बटन दबती हूं तो कैब बुक हो जाती है, बटन दबाती हूं तो खाना आर्डर हो जाता है, बटन दबती हूं तो फिल्म की टिकट बुक हो जाती है, ऐसा कुछ है ही नहीं जो नामुमकिन सा लगता हो. सच में टेक्नोलॉजी ने मानो हमारी जिंदगी पर राज कर लिया हो. आइये पढ़ते हैं "टेक्नोलॉजी फ्लैशबैक" बुक:
1. मोबाइल फोन्स
आज मेरे पास मोबाइल फोन है, पहले घरों में सिर्फ एक लैंडलाइन होता था. पहले मेरे पड़ोसियों के लिए फोन भी हमारे घर आते थे. पर्सनल बात करने की प्राइवेसी नहीं थी. पर टेक्नोलॉजी के कमाल से मोबाइल फोन ने ये सारी परेशानियां खत्म कर दी हैं. नार्मल फोन्स से लेकर स्मार्टफोन्स अलग-अलग फीचर्स के साथ मार्किट में उप्लब्ध हैं. मैंने जब अपने पापा को स्मार्टफोन यूज़ करना सिखाया तो उनके रिस्पांस ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया, पापा ने कहा... "हुन्न मैं तैनू हर छोटे कम लई तंग नी करांगां". मतलब ये की अब मेरे पापा भी टेक्नोलॉजी फ्रिक बन गए हैं.
2. नेट बैंकिंग
वो दिन गए जब मैं पैसे निकलवाने या जमा करने के लिए फॉर्म भरके बैंक की लाइन में खड़ी रहती थी. पर इस परेशानी से भी अपडेटेड टेक्नोलॉजी ने छुटकारा दिलवाया. अब बस लैपटॉप खोलो, और इंटरनेट के ज़रिये कहीं भी बैठे अपने बिल्स पेय करो. सच बताओं तो नेट बैंकिंग ने मुझे कैलक्युलेटिव बना दिया है. अब मेरा बजट बैलेंस में रहता है. शॉपिंग, रेंट , इन्वेस्टमेंट, सोशल लाइफ सब अच्छे से मैनेज हो जाता है. नेट बैंकिंग के साथ साथ आजकल मैं कैशबैक ऑफर्स का भी लुत्फ उठा रही हूं. ऑनलाइन पेमेंट करने पर आपको डिस्काउंट या फिर कैशबैक मिलता है. हर बैंक के अलग अलग ऑफर्स होते हैं. तो देर मत कीजिये और उठाइये इसका भरपूर फायदा.
3. गूगल मैप्स
मुझे रास्ते कभी याद नहीं होते थे, और जॉब के लिए अनजान शहर में रहकर नयी नयी जगह जाना बडा मुश्किल लगता था. पर एडवांस टेक्नोलॉजी ने ये समस्या भी हल कर दी. अब गूगल मैप्स के जरिये आप जान सकते हैं - किसी भी जगह का रूट, वहां तक पहुंचने में समय कितना लगेगा, ट्रैफिक कहां-कहां मिलेगा, रूट के बीच में कहां पेट्रोल पंप है, इत्यादि. एक स्मार्टफोन और अच्छा इंटरनेट हो तो मैं तो कहीं गुम नहीं हो सकती. इस टेक्नोलॉजी ने मुझे एक इंडिपेंडेंट ट्रैवलर बना दिया.
4. माइक्रो वेव्स
मैं एक वर्किंग वुमन हूं, और बार बार खाना बनाने में मेरा काफी समय जाता है. जब मैं छोटी थी तो गर्मी में मम्मी को तीन टाइम का खाना बनाते देख बुरा लगता था. माना की गर्म और ताजा खाना खाना किसको अच्छा नहीं लगता, पर वर्किंग वुमेन्स के लिए ये हर बार करना संभव नहीं होता. और इसी मुसीबत से छुटकारा दिलाया माइक्रो वेव्स ने. अब मैं दो टाइम खाना बनती हूं, दो टाइम ताजा खाना और एक बार माइक्रो वेव करके मेरा टाइम अच्छे से मैनेज हो जाता है. लड़के जिन्हे किचन से परहेज होता है उनके लिए तो ये हंगर सेविंग टूल है. बच्चों की पंसदीदा मैगी भी इसमें आराम से बन जाती है और उनके लिए यह इजी टू यूज है.
5. फुल्ली ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन्स
अब चाहे मौसम कैसा भी हो, घर में कितने भी मेहमान आये हो, चाहे रात हो या दिन... कपडे धोने और उनको सुखाने की चिक-चिक हुई खत्म. बस एक बटन दबाओ और आपके कपडे धुलकर सूख जायेंगे. मेरे घर में जबसे फुल्ली आटोमेटिक वाशिंग मशीन आयी है तबसे मम्मी तो मानो अच्छी खासी सोशल लाइफ जी रही हैं. पहले उन्हें बहुत टेंशन होती थी की मैंने कपड़े धोने हैं तो मैं मार्किट नहीं जाऊंगी, मौसम खराब है कपडे कैसे सूखेंगे, पर जबसे ये मैजिकल टूल हमारे घर में आया है लाइफ मानो ‘इजी टू लिव’ हो गयी है. अब मम्मी अपनी किटी पार्टीज, गुरुद्धारे जाना, स्कूल और सब कुछ आसानी से मैनेज कर लेती हैं. और नहीं तो कुछ मुझसे फ़ोन पर तस्सली से बात कर लेती हैं.
6. ट्रेन टिकट बुकिंग
टेक्नोलॉजी तो एडवांस होती जाएगी, बस हमारी जिम्मेदारी ये है की हम इसका सही उपयोग करे. मैं हर वर्ष नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर खुद को एक नयी टेक्नोलॉजी से अपडेट करती हूं. और मेरी इस बार की थीम है... "द 360-डिग्री सेल्फी". आप भी कीजिये इस नए ट्रेंड को डिस्कवर और उठाएं इसका लाभ. ध्यान रखियेगा, टेक्नोलॉजी को दोस्त बनाकर चलिए जिन्दगी बहुत आसान लगने लगेगी.
हैप्पी नेशनल टेक्नोलॉजी डे!
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