- ब्रह्म मुहूर्त सुबह चार से साढ़े पांच बजे के बीच का समय होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है
- इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है
- ब्रह्म मुहूर्त में जागकर योग, प्राणायाम, ध्यान और मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा और इम्यूनिटी बढ़ती है
Brahm Muhurt Me Uthne Se kya Hota Hai: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते अक्सर लोग रात में देरी से सोते हैं. जिसका असर सेहत पर भी पड़ता है. रात में देरी से सोने के चलते सुबह जल्दी नहीं उठ पाते है. हालांकि, कई लोग सुबह जल्दी उठते भी, लेकिन ज्यादातर लोगों को नहीं पाता होता कि सुबह कितने बजे उठना ज्यादा फायदेमंद रहता है. हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा से ही ब्रह्म मुहूर्त में उठने की सलाह देते हैं. ब्रह्म मुहूर्त में जागना भारतीय परंपराओं, आयुर्वेद और योग में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके कई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ भी होते हैं. चलिए आपको बताते हैं ब्रह्म मुहूर्त में जागने से क्या होता है? सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर क्या करना चाहिए?
यह भी पढ़ें:- Sleeping: नींद पूरी नहीं लेने से क्या होता है? कम नींद जिंदगी के कितने साल कम कर रही है, स्टडी से जानिए
ब्रह्म मुहूर्त में जागने से क्या होता है?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 4 से 5:30 बजे में जागना होता है. सूर्योदय से पहले उठने से स्वास्थ्य को कई फायदे मिलते हैं. यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक फायदे के लिए भी बहुत ही असरदार है, क्योंकि सुबह-सुबह के समय वातावरण शुद्ध होता है और सत्वगुण का प्रभाव होता है. इस समय उठकर ध्यान, मंत्र जाप, प्राणायाम, योग या कोई शुभ कार्य करने से सकारात्मकता बढ़ती है.
ब्रह्म मुहूर्त में समय वातावरण शांत और ऑक्सीजन से भरपूर होता है, जिससे श्वसन प्रणाली को लाभ होता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इस समय उठने से सेहत के साथ-साथ इम्यूनिटी भी बूस्ट रहती है.
सुबह के इस शांत समय में मन अधिक स्थिर और एकाग्र होता है. कई स्टडी के मुताबिक, यह ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए सबसे अच्छा समय है, जिससे मानसिक स्पष्टता आती है और तनाव कम होता है. इससे दिमाग की हेल्थ भी अच्छी होती है.
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर क्या करना चाहिए?सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही सुबह के समय सैर करनी चाहिए. योगा करनी चाहिए. पूजा-पाठ, ध्यान, मंत्र जाप और सकारात्मक विचारों का अभ्यास करना चाहिए, जिससे मानसिक शांति, एनर्जी, बुद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.