लेफ्टिनेंट जनरल बनने वाली देश की तीसरी महिला बनीं मेजर माधुरी कानितकर

प्रमोशन के बाद उन्हें आर्मी मुख्यालय में इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (DCIDS) में तैनात किया गया है, जो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत आता है.

लेफ्टिनेंट जनरल बनने वाली देश की तीसरी महिला बनीं मेजर माधुरी कानितकर

माधुरी कानिटकर ने 29 फरवरी को संभाला पद.

नई दिल्ली:

सेना में महिलाओं को कमांड पोस्टिंग देने के सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले के बाद माधुरी कानितकर (Madhuri Kanitkar) ने 29 फरवरी को लेफ्टिनेंट जनरल का पद संभाला है. सशस्त्र बलों में इस रैंक पर पहुंचने वाली वह तीसरी महिला हैं. प्रमोशन के बाद उन्हें आर्मी मुख्यालय में इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (DCIDS) में तैनात किया गया है, जो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत आता है. माधुरी इस रैंक पर पहुंचने वाली भले ही तीसरी महिला हैं लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल बनने वाली वह पहली बाल रोग चिकित्सक हैं. 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माधुरी के पति राजीव कानितकर भी लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं. माधुरी और राजीव ऐसे पहले कपल हैं जो आर्म्ड फॉर्स में इस रैंक पर पहुंचे हैं. हालांकि, लेफ्टिनेंट राजीव कानितकर कुछ वक्त पहले ही आर्मी से रिटायर हुए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर पुणे में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC) की पहली महिला डीन हैं और उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में पहला बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी यूनिट स्थापित करने के लिए जाना जाता है.

कानितकर ने एम्स में पीडियाट्रिक और पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी की पढ़ाई एम्स से की है. इसके अलावा माधुरी कानिटकर, प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक और तकनीकी सलाहकार बोर्ड की भी सदस्य हैं. पुणे में AFMC के डीन के रूप में दो साल से अधिक समय पूरा करने के बाद कानितकर ने पिछले साल मेजर जनरल मेडिकल, उधमपुर के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी.

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कानितकर को पिछले साल लेफ्टिनेंट जनरल के पद के लिए चुना गया था, लेकिन उन्होंने शनिवार को पद खाली होने के बाद यह पद ग्रहण किया है.