International Yoga Day 2023: श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए करें ये 3 योगासन, सांस संबंधी दिक्कतें रहेंगी दूर 

International Day Of Yoga: योगा शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी अच्छा रखती है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जानिए सांस संबंधी दिक्कतों को दूर रखने वाले योगासन के बारे में. 

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Yoga For Respiratory Health: श्वसन तंत्र को बेहतर बनाते हैं कुछ योगासन. 

International Yoga Day 2023: हर साल 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. योगा करने पर शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है. सांस संबंधी दिक्कतों (Respiratory Problems) की बात करें तो ऐसे कई योगासन हैं जो श्वसन तंत्र को सेहतमंद रखने में मददगार साबित होते हैं. कई स्टडीज भी इस बात का दावा करती हैं कि रोजाना योगा करने पर फेफड़े बेहतर हो सकते हैं, अस्थमा के लक्षण कम हो सकते हैं और श्वसन संबंधी बीमारियां होने की संभावना भी कम होती है. ब्रीदिंग एक्सरसाइज में यूं तो प्राणायाम का सबसे अच्छा असर दिखता है, लेकिन ऐसे भी कुछ आसन हैं जो पूरे श्वसन तंत्र (Respiratory System) के लिए अच्छे साबित होते हैं. 

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श्वसन तंत्र की सेहत के लिए योगासन | Yoga Asanas For Better Respiratory Health 

धनुरासन

धनुरासन (Dhanurasana) श्वसन तंत्र को बेहतर करने वाले आसन में से एक है. इस आसन को करने के लिए अपने पेट के बल लेटें और दोनों हाथों को सिर के पीछे लेकर जाएं. इसके बाद पैरों को उठाएं और पीछे से ही हाथों से पकड़ लें. इससे शरीर का निचला हिस्सा हवा में होगा. इस आसन को करने पर शरीर धनुष की आकृति का नजर आता है, इसीलिए इसे धनुरासन कहते हैं. इस आसन को करके 4 से 5 गहरी सांस लें और फिर वापस पहले वाली मुद्रा में आ जाएं. 

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उष्ट्रासन 

उष्ट्रासन करने के लिए जमीन पर मैट बिछाकर घुटनों के बल खड़े हो जाएं. अपने शरीर को पीछे की तरफ मोड़ें और हाथों को पीछे करके दोनों पैरों की एड़ियों को छुएं. ध्यान रहे हाथ शरीर से चिपके हुए ना रहें. आपका चेहरा ऊपर छत की तरफ होगा. इस आसन को 10 से 20 सैकंड के लिए होल्ड करके छोड़ दें. रोज 4 से 5 बार उष्ट्रासन किया जा सकता है. 

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भुजंगासन 

इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेटें. अब अपने हाथों को सामने की तरफ रखें. हथेलियां जमीन से लगी हुई होनी चाहिए. इसके बाद ऊपरी शरीर को हवा में उठाएं, आपकी कमर से नीचे तक का हिस्सा नीचे जमीन से लगा होना चाहिए और ऊपरी हिस्सा हाथों के बल हवा में होगा. 30 सैकंड इस पोज को होल्ड करें. 3 से 4 बार रोजाना भुजंगासन (Bhujangasana) किया जा सकता है. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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