Intermittent Fasting: वजन घटाने के लिए आप भी करते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग, तो जान लीजिए इसके कुछ नुकसान

Intermittent Fasting Side Effects: वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग की जाती है. लेकिन, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं.

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Intermittent Fasting Effects: जानिए लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग के क्या नुकसान हो सकते हैं.

Intermittent Fasting: आज के समय में मोटापा ऐसी दिक्कत है जिससे कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का खतरा बढ़ जाता है. मोटापे से ही डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और अन्य बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ सकता है. इसलिए एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि आपको अपना वेट मैनेज करना चाहिए. पिछले कुछ समय से भारत में लोग वजन को कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) जैसे तरीके अपना रहे हैं जिससे तेजी से वजन तो कम हो जाता है.  लेकिन इसके लॉन्ग टर्म इफेक्ट क्या होते हैं उस बारे में हम नहीं जानते हैं. ऐसे में हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही इंटरमिटेंट फास्टिंग करनी चाहिए

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान | Side Effects Of Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डाइट प्लान है जिसमें खाना और फास्टिंग के समय को कंट्रोल किया जाता है. यह वजन घटाने के लिए काफी फेमस डाइट प्लान है, इसमें 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खाने का समय होता है. यानी कि दिन में 16 घंटे उपवास रखना होता है और 8 घंटे ही आप खाना खा सकते हैं. इसे लोग अलग-अलग तरह से डिवाइड भी करते हैं, कोई ज्यादा घंटे के लिए फास्टिंग करता है और कम घंटे के लिए खाता है, तो कोई ज्यादा घंटे के लिए खाकर कम घंटे की फास्टिंग करता है. ऐसा करने से तेजी से वेट लॉस (Weight Loss) होता है.

दुनिया में सदियों से रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग का नियम फॉलो किया जा रहा है जिसमें कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद खाना नहीं खाना चाहिए और सूर्योदय से पहले भी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे ऑटोमेटिक आपकी 12 से 14 घंटे की फास्टिंग हो जाती है. यह आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक है जो सुबह हार्मोन बनाती है और आप उस समय जो खाते हैं, आपके शरीर में उसके गुण बनेंगे. इसलिए टाइम रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग का तरीका हमें फॉलो करना चाहिए. 

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग शॉर्ट टर्म के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से थकान और एनर्जी की कमी बनी रह सकती है.
  • इंटरमिटेंट फास्टिंग से डाइजेस्टिव प्रॉब्लम (Digestive Problem) भी बढ़ सकती है और फास्टिंग के दौरान कब्ज और ब्लोटिंग जैसी समस्या हो सकती है.
  • खाली पेट सोने से नींद डिस्टर्ब होती है और शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ सकता है.
  • 16-18 घंटे की फास्टिंग के बाद ज्यादा भूख लगने पर ओवर ईटिंग करने की संभावना भी बढ़ जाती है जिससे वजन घटने की जगह उल्टा बढ़ सकता है.
  • यदि आप लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं तो शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी भी हो सकती है और लंबे समय तक फास्टिंग करने से ब्लड शुगर लेवल भी अचानक से गिर सकता है.
किन लोगों को नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग

एक्सपर्ट्स का मानना है कि गर्भवती और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को इंटरमिटेंट फास्टिंग बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए. छोटे बच्चे और किशोरावस्था यानी कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर या किसी अन्य गंभीर समस्या वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए और जिनका वजन पहले से ही कम है या हार्मोन डिसबैलेंस रहते हैं, थायराइड की समस्या है तो ऐसे लोगों को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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