डाइटीशियन ने बताया इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका, कुछ बातों का ध्यान रखकर ही रहा जा सकता है फिट 

कई बार इंटरमिटेंट फास्टिंग से फायदे से ज्यादा नुकसान हो जाता है. ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग का सही तरीका बता रही हैं डाइटीशियन. इन बातों को ध्यान में रखकर बेहतर तरह से फिट रहा जा सकता है. 

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इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले कुछ बातें जान लेना जरूरी होता है. 

Weight Loss: फिट रहने के लिए और मोटापा कम करने के लिए लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं. इंटरमिटेंट फास्टिंग में एक समयावधि में ही खाना खाया जाता है और समय का ध्यान रखते हुए कुछ घंटों के लिए व्यक्ति कुछ नहीं खाता है. ज्यादातर खाना ना खाने की विंडो यानी फास्टिंग का समय 8, 12 या फिर 16 घंटों का होता है. जैसे अगर किसी ने शाम 8 बजे खाना खाया है तो वह अगली सुबह 8 बजे के बाद ही कुछ खाएगा. इस तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) की जाती है. लेकिन, इंटरमिटेंट फास्टिंग जितनी आसान लगती है उतनी होती नहीं है. इंटरमिटेंट फास्टिंग में कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है नहीं तो मोटापा कम होने के बजाय बढ़ भी सकता है या फिर व्यक्ति कई बार बीमार भी पड़ जाता है या उसे कमजोरी महसूस होने लगती है. 

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इंटरमिटेंट फास्टिंग किस तरह से करनी चाहिए या इंटरमिटेंट फास्टिंग में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए यह बता रही हैं डाइटीशियन रिचा गंगानी. रिचा का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपका शरीर क्लीनिंग मोड में चला जाता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग ना सिर्फ वजन घटाने का अच्छा तरीका है बल्कि इससे रिवर्स एजिंग होने लगती है यानी शरीर जवां बना रहता है. लेकिन, इंटरमिटेंट फास्टिंग में लोग अक्सर ही कुछ गलतियां कर बैठते हैं. 

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बड़ी विंडो चुनना - इंटरमिटेंट फास्टिंग की पहली गलती है कि अगर आप अभी-अभी इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर रहे हैं और बिगिनर हैं तो इंटरमिटेंट फास्टिंग की बड़ी विंडो नहीं चुननी चाहिए यानी बहुत ज्यादा घंटों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए बल्कि कुछ घंटे जैसे 14-10 या 16-8 विंडो से शुरूआत करनी चाहिए. 

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बिना जाने फास्ट तोड़ देना - इंटरमिटेंट फास्टिंग में जब मन चाहे तब अपना फास्ट ना तोड़ें. जैसे अगर आपको लगता है नारियल पानी, फलों का जूस या फल फास्टिंग (Fasting) के घंटों में खा लिए जाएं तो फास्ट नहीं टूटेगा, तो ऐसा नहीं होता है और इससे इंटरमिटेंट फास्टिंग टूट सकती है. 

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पोषक तत्व ना लेना - इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी है कि आप अपने खानपान में जरूरी पोषक तत्वों को शामिल करें. प्रोटीन, फैट्स और फाइबर से भरपूर फूड्स को अपनी ईटिंग विंडो (Eating Window) में जरूर खाना चाहिए. 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के मैथड्स 

16 से 8 मेथड - इस मैथड में 8 घंटों के लिए फास्ट रखा जाता है और 16 घंटे कुछ भी खाया जा सकता है. आप 12 से 8 बजे तक, 11 से 7 बजे तक या 1 से 9 बजे के बीच इंटमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं. 

5 से 2 मेथड - इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस मैथड में आप हफ्ते में 5 दिन जो चाहे खा सकते हैं लेकिन आपको बाकी 2 दिन पूरी तरह से फास्ट रखना होता है. यह फास्टिंग का गंभीर तरीका है. 

14 से 10 मेथड - इस मैथड से इंटरमिटेंट फास्टिंग करने पर 10 घंटे खाया जाता है और 14 घंटे फास्ट रखा जाता है. बिगिनर्स के लिए इसे ज्यादातर सही कहा जाता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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