How to eat curd according to Ayurveda: दही हमारे खाने के स्वाद को दोगुना बढ़ाने का काम करती है. इसके अलावा दही खाने के कई फायदे भी हैं. दही प्रोटीन, कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स का बेहतरीन स्रोत है, जो खासकर पाचन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. हालांकि, कम लोग जानते हैं कि अगर दही को सही तरीके से नहीं खाया जाए, तो ये फायदे नुकसान में भी बदल सकते हैं. यानी दही भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. आयुर्वेद के अनुसार, दही हर समय और हर व्यक्ति के लिए सही नहीं है. अगर इसे गलत तरीके से खाया जाए, तो यह शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकती है. ऐसे में आइए आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानते हैं दही खाने का सही तरीका-
क्या कहती हैं डॉक्टर?
एमडी (आयुर्वेद) डॉक्टर मनीषा मिश्रा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने आयुर्वेद के मुताबिक दही खाने के कुछ नियम बताए हैं.
नंबर 1- दही रोजाना न खाएं
डॉक्टर मनीषा मिश्रा बताती हैं, आयुर्वेद के अनुसार दही को रोज नहीं खाना चाहिए. इसकी तासीर गर्म होती है और यह भारी और कफ बढ़ाने वाली मानी जाती है. रोजाना दही खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है, साथ ही एसिडिटी, कब्ज, मोटापा और त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं.
डॉक्टर बताती हैं, रात के समय शरीर की पाचन शक्ति कम होती है. वहीं, दही एक भारी पदार्थ है. ऐसे में अगर रात में दही खाई जाए तो यह शरीर में कफ बढ़ा सकती है, जिससे सर्दी, खांसी और बलगम जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए आयुर्वेद में रात में दही खाने की सख्त मनाही है.
दही को गर्म करने या पकाने से इसके अंदर मौजूद प्रोबायोटिक बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे दही का पोषक तत्व संतुलन भी बिगड़ जाता है. साथ ही, गर्म करने से दही में मौजूद प्रोटीन भी डिनैचर हो जाते हैं जिससे शरीर को उसका लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए कभी भी दही को गर्म कर या सब्जी में पकाकर नहीं खाना चाहिए.
इन सब से अलग डॉक्टर दही को सर्दी और बारीश के मौसम में खाना लाभकारी बताती हैं. डॉक्टर के मुताबिक, इस समय शरीर को थोड़ी गर्माहट की जरूरत होती है और दही की तासीर गर्म होती है. जबकि गर्मी और शरद ऋतु में दही का सेवन हानिकारक हो सकता है क्योंकि इन मौसमों में यह शरीर में अतिरिक्त गर्मी और कफ पैदा कर सकती है.
फिर कैसे खाएं दही?- डॉक्टर रात की जगह दिन में दही खाने की सलाह देती हैं.
- गर्मी में दही की बजाय छाछ (मट्ठा) का सेवन करें और सर्दी में दही खाएं.
- काली मिर्च या त्रिकटु (सौंठ, काली मिर्च, पिपली) मिलाकर दही खाएं ताकि यह पाचन में सहायक हो.
- इन सब से अलग जमे हुए दही की बजाय ताजी बनी हुई दही खाएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.