Guru Tegh Bahadur Martyrdom Day 2020: देश के इतिहास में कुछ जांबाज ऐसे भी हुए हैं, जो धर्म की रक्षा के लिए अपना सबकुछ बलिदान करने से भी पीछे नहीं हटे. सिखों के नौवें गुरू गुरू तेग बहादुर भी ऐसे ही साहसी योद्धा थे, जिन्होंने न सिर्फ सिक्खी का परचम ऊंचा किया, बल्कि अपने सर्वोच्च बलिदान से हिंदू धर्म की भी रक्षा की. उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब की तमाम कोशिशों के बावजूद इस्लाम धर्म नहीं अपनाया और तमाम जुल्मों का पूरी दृढ़ता से सामना किया. गुरू तेग बहादुर के धैर्य और संयम से आग बबूला हुए औरंगजेब ने चांदनी चौक पर उनका शीश काटने का हुक्म जारी कर दिया और वह 24 नवंबर 1675 का दिन था, जब गुरू तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया. आइए जानते हैं क्या थे उनके 10 अनमोल विचार, जो हमें आज भी प्रेरणा देते हैं...
Guru Tegh Bahadur Quotes in Hindi
1. गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो
2. एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाएं
3. हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो, घृणा से विनाश होता है
4. हार और जीत यह आपकी सोच पर ही निर्भर है, मान लो तो हार है ठान लो तो जीत है
5. सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है
6. दिलेरी डर की गैरमौजूदगी नहीं, बल्कि यह फैसला है कि डर से भी जरूरी कुछ है
7. जीवन किसी के साहस के अनुपात में सिमटता या विस्तृत होता है
8. प्यार पर एक और बार और हमेशा एक और बार यकीन करने का साहस रखिए
9. डर कहीं और नहीं, बस आपके दिमाग में होता है
10. साहस ऐसी जगह पाया जाता है जहां उसकी संभावना कम हो
यह भी पढ़ें-
24 नवंबर का इतिहास: आज ही के दिन शहीद हुए थे गुरु तेग बहादुर
Guru Gobind Singh: कौन थे गुरु गोबिंद सिंह? जानिए उनके बारे में सबकुछ
गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व पर दिल्ली के गुरुद्वारों में 8 नवंबर से भव्य समारोह
गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर दिल्ली के गुरुद्वारों में होगी विशेष प्रार्थना
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं