
Skin Care: बच्चों की उम्र बढ़ने लगती है तो शरीर पर कई तरह के चिन्ह दिखना भी शुरू हो जाते हैं. खासतौर से 8 से 16 साल के बच्चे जो टीनेज की तरफ बढ़ रहे होते हैं या किशोरावस्था (Teenage) के शुरुआती सालों में होते हैं उनके चेहरे पर मुहांसे नजर आने लगते हैं. कई बार ये पिंपल्स इक्के-दुक्के होते हैं तो कई बार बच्चे का पूरा चेहरा ही एक्ने से भरा हुआ नजर आने लगता है. चेहरे पर पिंपल्स के अलावा बच्चों को डैंड्रफ से भी दोचार होना पड़ता है. इसकी वजह हार्मोनल इंबैलेंस है. हार्मोनल इंबैलेंस से एक्सेस ऑयल प्रोडक्शन होता है, पोर्स बंद हो जाते हैं, एक्ने और ब्रेकआउट्स होने लगते हैं. इन पिंपल्स को बढ़ाने में खानपान की कुछ चीजें पूरा योगदान देती हैं. ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में बता रही हैं डाइटीशियन मनप्रीत कालरा. डाइटीशियन ने बताया कि बच्चों के पिंपल्स ना बढ़ें इसके लिए उन्हें कौनसे फूड्स नहीं खिलाने चाहिए.
20 से ज्यादा आयुर्वेदिक चीजों से मिलकर बनाया जाता है यह उबटन, एक्सपर्ट ने कहा त्वचा दमकने लगेगी आपकी
बच्चों को पिंपल्स हों तो ना खिलाएं ये चीजें । Foods To Avoid If Children Have Pimples
चॉक्लेट - बच्चों को पिंपल्स हों तो चॉक्लेट नहीं खिलानी चाहिए क्योंकि हाई शुगर के कारण इंसुलिन स्पाइक होता है और स्किन की इंफ्लेमेशन बढ़ती है. इस चॉक्लेट के बजाय मीठे में बच्चों को होममेड नट्स और सीड्स से बने लड्डू खिलाए जा सकते हैं.
कोल्ड ड्रिंक्स - कैफीन और शुगर हार्मोन को बिगाड़ती है और इससे स्किन का सीबम प्रोडक्शन भी बढ़ सकता है. कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय बच्चों को कांजी पिलाई जा सकती है.
डिजर्ट्स - एक्सेस शुगर इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बनती है जिससे कोलाजन डैमेज होता है. इसके बजाय बच्चे को चिया सीड्स पुडिंग खिलाई जा सकती है.
कॉफी - बच्चों के लिए कॉफी नुकसानदायक होती है. इससे शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ती है और स्किन पर भी रूखापन नजर आता है. कॉफी (Coffee) की जगह पर बच्चों को काल्मिंग कैमोमाइल टी पिलाई जा सकती है.
ब्रेड - डाइटीशियन का कहना है कि बच्चों को ब्रेड नहीं खिलानी चाहिए. ब्रेड से इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है जिससे ऑयल प्रोडक्शन बढ़ता है और एक्ने (Acne) की दिक्कत ज्यादा होती है. ब्रेड से बेहतर मिलेट रोटी या राइस खाए जा सकते हैं.
चिप्स - बच्चों को चिप्स खाने का भी बेहद शौक होता है. लेकिन, चिप्स में हाई सॉल्ट होता है और बहुत ज्यादा चिप्स खाने पर वॉटर रिटेंशन बढ़ता है और त्वचा पर पफीनेस दिखाई देती है. चिप्स के बजाय रोस्टेड मखाना या चना खाया जा सकता है.
बिस्कुट - बिस्कुट में रिफाइंड कार्ब्स होते हैं जिससे इंसुलिन इंबैलेंस बढ़ता है और एक्ने ब्रेकाउट्स ज्यादा होते हैं.
खिलाएं ये हेल्दी चीजें
- डाइटीशियन का कहना है कि बच्चों को ब्रेकफास्ट सीरियल्स के बजाय पोहा, उपमा और चटपटी सेवइंया खिलाई जा सकती हैं.
- बाजार की चॉक्लेट के बजाय होममेड मिठाई, हलवा, खीर या पुडिंग खिलाएं.
- फ्रोजन सब्जियों की जगह पर बच्चों की डाइट में ताजी सब्जियां और फलों को ज्यादा शामिल करें.
- पैकेट वाली नमकीन खिलाने के बजाय बच्चों को भेलपूरी खिलाई जा सकती है.