
How to fix damp walls before painting: दिवाली आने वाली हो तो हर घर में सफाई और पेंटिंग का माहौल बन ही जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बार-बार करवाने के बावजूद दीवारों पर पेंट कुछ ही महीनों में निकल क्यों जाता है? असल में वजह दीवार की 'सीलन' यानी डैम्पनेस होती है. ये वो धीमी बीमारी है जो दीवार की खूबसूरती तो खराब करती ही है, साथ ही आपकी जेब पर भी भारी पड़ती है. अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ नया पेंट ही सीलन को छिपा देगा, तो यह बड़ी भूल है. दरअसल, सीलन को मिटाए बिना पेंट करवाना ऐसा ही है जैसे खुले घाव पर सिर्फ मेकअप लगा देना. आइए जानते हैं फिर इसके लिए सही तरीका क्या है.
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पहला स्टेप: सबसे पहले सीलन का कारण ढूंढें (permanent treatment for wall seepage)
दीवारों की नमी अक्सर बाथरूम, किचन या छत के पास वाले हिस्सों में होती है. सबसे पहले इन्हें ध्यान से देखें. कहीं पाइप लीक तो नहीं कर रहा? या छत से पानी टपक तो नहीं रहा? अगर ये सब सही हैं, तो ध्यान दें कि कमरे में हवा का आना-जाना कैसा है. खराब वेंटिलेशन की वजह से नमी दीवारों पर जमा हो जाती है और धीरे-धीरे फफूंदी (DIY wall moisture repair guide) बन जाती है.

लीकेज ठीक होने के बाद दीवार को सूखने में जल्दबाजी न करें. कम से कम 2 से 4 हफ्ते तक उसे खुला रखें. अगर चाहें तो डी-ह्यूमिडिफायर या फैन से सुखा सकती हैं. फिर पुराने पेंट की उखड़ी परत को सैंडपेपर (causes and remedies for wall dampness) से साफ करें और ब्लीच-पानी के मिश्रण से दीवार को धो लें, ताकि बैक्टीरिया खत्म हो जाएं.

अब आता है असली इलाज:- दीवार पर वाटरप्रूफिंग प्राइमर लगाएं...ये सीलन के असर को रोकता है और फफूंदी को वापस आने नहीं देता. इसके बाद पॉलीमर बेस्ड वाटरप्रूफ (home wall moisture prevention) पुट्टी का उपयोग करें, ताकि दीवार लंबे समय तक टिकी रहे.
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