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This Article is From May 15, 2020

New Planet Super Earth: खगोलविदों ने ढूंढ निकाली लाखों में एक सुपर अर्थ, हमारी पृथ्‍वी से मिलता-जुलता है ये नया ग्रह

Super Earth: इस सुपर अर्थ का एक साल करीब 617 दिन का होता है और यह हमारे सौर मंडल के सूर्य की तुलना में छोटे आकार के तारे का चक्‍कर लगाती है.

New Planet Super Earth: खगोलविदों ने ढूंढ निकाली लाखों में एक सुपर अर्थ, हमारी पृथ्‍वी से मिलता-जुलता है ये नया ग्रह
हमें अपने ग्रह पृथ्‍वी का ध्‍यान रखना चाहिए ताकि वह रहने लायक बनी रहे.
नई दिल्ली:

मानव सभ्‍यता जब से अस्तित्‍व में आई है तभी से उसका सपना दूसरे ग्रहों में भी जीवन बसाने का रहा है. वह सदियों से धरती जैसे किसी अन्‍य ग्रह की तलाश में जुटा हुआ है, जहां जीवन के निशान मिल सकें. पहले भी कई बार वैज्ञानिकों ने ऐसे ग्रह ढूंढ निकाले थे जो थोड़े बहुत पृथ्‍वी से मिलते-जुलते थे. अब खगोलविदों ने लाखों में एक ऐसी सुपर अर्थ (Super Earth) ढूंढ निकाली है जो असाधारण है.

Space.com की खबर के मुताबिक इस Super Earth की खोज न्यूजीलैंड की कैंटबरी यूनिवर्सिटी के खगोलविदों ने की है. संस्‍थान द्वारा जारी एक रिलीज के मुताबिक, "यह नया ग्रह उन चुनिंदा एक्स्ट्रा सोलर प्‍लेनेट में से एक है जिनका आकार और कक्षा बहुत कुछ पृथ्‍वी से मिलते-जुलते हैं." 

आपको बता दें कि हमारे सौरमंडल के सारे ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं. वे ग्रह जो हमारे सौरमंडल के बाहर किसी दूसरे तारे का चक्कर लगाते हैं उन्होंने एक्स्ट्रा सोलर प्‍लेनेट या बाह्यग्रह (Exoplanet) कहते हैं.

खगोलविदों के मुताबिक इस सुपर अर्थ का एक साल करीब 617 दिन का होता है और यह हमारे सौर मंडल के सूर्य की तुलना में छोटे आकार के तारे का चक्‍कर लगाती है. 

यह ग्रह आकाश गंगा (Milky Way) के केंद्र में तारों के गुच्‍छों के पास स्थित है. आप इसे इस तरह समझ सकते हैं कि हमारी पृथ्‍वी आकाश गंगा के केंद्र से 25 हजार प्रकाश वर्ष दूर है. कहने का मतलब यह है कि सुपर अर्थ हमारी पृथ्‍वी से बेहद दूर है. 

खगोलविद एंटोनिया हेरेरेरा के मुताबिक,  "हमने पांच दिनों तक उस तारे का अध्ययन किया जिसके आगे यह ग्रह आ गया था. हमें यह भी सुनिश्चित करना था कि यह कोई उपकरणीय त्रुटि न हो जिसके कारण हमें इस तरह के संकेत मिल रहे हैं. लग रहा था कि प्रकाश तारे के अलावा दूसरे पिंड के कारण आ रहा है. हमने दुनिया भर में फैले टेलिस्‍कोप की मदद से इस ग्रह और उसके तारे को समझने की कोशिश की." 

हालांकि अभी तक ऐसे साक्ष्‍य नहीं मिलें हैं जिनसे यह साबित होता हो कि यह सुपर अर्थ हमारी धरती की ही तरह है और उसमें जीवन की संभावनाएं भी हों. हो सकता है कि यह नया ग्रह सिर्फ पानी का बना हो या उसमें बर्फ हो या फिर सिर्फ गैस ही हो. 

ऐसे में भलाई इसी में है कि हम जिस धरती पर रह रहे हैं उसी का ध्‍यान रखें और उसे जीने लायक बना रहने दें.

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