एक मील से अधिक लंबा एक एस्टेरॉइड (उल्का पिंड) बुधवार को पृथ्वी के पास से निकलने वाला है. हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे कोई खतरा नहीं है. इस उल्का पिंड को (52768) 1998 OR2 के नाम से जाना जाता है. 29 अप्रैल को यह उल्कापिंड पृथ्वी से 3.9 मीलियन की दूरी पर आएगा. जानकारी के मुताबिक यह उल्का पिंड चंद्रमा की दूरी के मुकाबले 16 गुना पृथ्वी के नजदीक से निकलेगा.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, 1998 में नासा द्वारा इसे पहली बार देखा गया था. इसके बाद पर्टो रीको में आरसीबो वेधशाला इस उल्कापिंड पर नजर रखे हुए है. कुछ दिन पहले वैज्ञानिकों ने उल्कापिंड की नई तस्वीर जारी की थी और मजाक करते हुए कहा था कि इसे देख ऐसा लग रहा है कि इसने मास्क लगा रखा है. ऑब्जर्वेटरी में प्लैनेटरी रडार के प्रमुख डॉ. ऐनी विर्की ने कहा, ''वैज्ञानिक रूप से उल्कापिंड 1998 OR2 (Asteroid 1998 OR2) के नजदीक छोटे आकार की पहाड़ियां और लकीरें काफी आर्कषक हैं. लेकिन फिलहाल दुनियाभर में कोविड-19 महामारी चल रही है, इस वजह से हमें तस्वीर देख कर ऐसा ही लग रहा है कि जैसे उसने मास्क पहन रखा है.''
इस उल्कापिंड को संभावित खतरनाक वस्तु के रूप में वर्गीकृत किया गया है क्योंकि यह 140 मीटर से बड़ा है और पृथ्वी की कक्षा के पांच मिलियन मील के दायरे में आएगा, लेकिन कोई भी यह नहीं जानता है कि पृथ्वी पर इसका तत्काल रूप से क्या प्रभाव पड़ेगा.
हालांकि, इसके बाद भी वैज्ञानिकों ने इस पर नजर रखना जारी रखा है ताकि यह पता लगाया जा सकते कि पृथ्वी के नजदीक से निकलने के बाद क्या होता है. ऑब्जर्वेटरी के एक शोध वैज्ञानिक फ्लेवियन वेंडीटी ने कहा, ''रडार मैप हमें इसकी सटीक रूप से जानकारी देता है कि भविष्य में यह उल्कापिंड कहां होगा. इसमें उल्कापिंड के पृथ्वी के नजदीक से गुरजना भी शामिल है.''
अगली बार यह उल्कापिंड 2079 में पृथ्वी से नजदीक से गुजरेगा और तब इसकी दूरी चांद और धरती के बीच के फासले का चार गुना होगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं