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This Article is From Jun 24, 2020

अंकिता भार्गव ने बताया मिसकैरेज के बाद कैसी हो गई थी उनकी जिंदगी, कहा- ''मैं और करण रोज रात को सोने से पहले रोते...''

अंकिता (Ankita Bhargava) ने बताया कि मिसकैरेज के बाद उन्हें किस तरह का खालीपन महसूस होता था. साथ ही अंकिता ने यह भी बताया कि करण और उन्होंने किस तरह से इस वक्त का सामना किया.

अंकिता भार्गव ने बताया मिसकैरेज के बाद कैसी हो गई थी उनकी जिंदगी, कहा- ''मैं और करण रोज रात को सोने से पहले रोते...''
अंकिता भार्गव ने अपने मिसकैरेज के बारे में शेयर की पोस्ट.
नई दिल्ली:

टीवी एक्ट्रेस और एक्टर करण पटेल (Karan Patel) की पत्नी अंकिता भार्गव (Ankita Bhargava) ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए अपने पहले बच्चे को खोने के बारे में बताया है. उन्होंने अपनी इस पोस्ट में बताया है कि 2018 में जब उनका मिसकैरेज हो गया था तो उन्हें कैसा महसूस हुआ था और उस कठिन समय से बाहर निकलकर एक बार फिर से सामान्य तरह से जिंदगी जीना उनके लिए कितना मुश्किल था. अपनी इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि वह और करण रोज रात को सोने से पहले छोटी से छोटी चीज पर रोने लगते थे. 

अंकिता ने अपनी इस पोस्ट में लिखा, ''कुछ दिन पहले मैंने यह लिखा था लेकिन मुझे इसे शेयर करने के लिए अधिक हिम्मत की जरूरत थी क्योंकि यह आजतक की मेरी जिंदगी की सबसे निजी पोस्ट है''. उन्होंने बताया कि मिसकैरेज के बाद उन्हें किस तरह का खालीपन महसूस होता था. साथ ही अंकिता ने यह भी बताया कि करण और उन्होंने किस तरह से इस वक्त का सामना किया.

अपनी इस पोस्ट में अंकिता ने कहा, वह थाइलैंड जाने वाले थी एक शूट के लिए और उससे पहले उन्होंने अपनी डॉक्टर से सलाह ली थी. वह खुश थीं और स्वस्थ भी लेकिन फिर भी उनका मिसकैरेज हो गया. उन्होंने कहा, बिना किसी कारण, समस्या के बस ऐसे ही मेरा मिस कैरेज हो गया. मैंने कुछ गलत नहीं किया था, मेरा बच्चा एक दम स्वस्थ था लेकिन फिर भी यह हादसा हो गया. बस मेरा बच्चा मुझसे मिलने दुनिया में कुछ ज्यादा ही जल्दी आ गया लेकिन फिर भी मैं उसे कभी नहीं देख पाई. हमने उस बच्चे के लिए बहुत मिन्नते की थीं. 

अंकिता ने आगे लिखा, ''मैं सुबह एक खाली एहसास के उठती और इस वजह से मुझे भगवान से नफरत हो गई. शुरूआत में मुझे और करण को समझ नहीं आया कि इस मुश्किल वक्त और इस दर्द का सामना कैसे करें क्योंकि इसका कोई तरीका नहीं था. हम दोनों के तरीके भी अलग-अलग थे. मैं चाहती थी कि वह मेरे साथ रहे और हम इस दर्द का एक साथ सामना करें लेकिन करण को लगता था कि इससे मेरा दर्द और ज्यादा बढ़ जाएगा. इस वजह से जब-जब हम साथ रहते थे वह सामान्य रहने की कोशिश करता था ताकि मुझे अच्छा महसूस हो''. 

हालांकि, ''एक दिन मैंने कहा कि हम दोनों को एक दूसरे को पकड़े रहना है और हमने ऐसा ही किया. इसके बाद दोनों समय के साथ आगे बढ़ने लगे''. उन्होंने लिखा, ''हम रोज रात को सोने से पहले छोटी से छोटी चीज, जैसे बेबी शॉवर का इंविटेशन, टीवी पर रोता हुआ बच्चा या फिर बेबी की एड देख कर रोने लगते थे''. 

अंकिता ने आगे लिखा, ''दुनिया के लिए हम काफी तेजी से ठीक हो रहे थे लेकिन मेरे और करण के लिए यह इतना आसान नहीं था. हमारा परिवार और दोस्त हमारे समर्थन में थे लेकिन मेरे और मेरे पति की सबसे बड़ी ताकत हमारा एक साथ होना था''. अंकिता ने लिखा, हमारी दुनिया पूरी तरह से बदल गई थी और मेरे लिए जीवन का कोई मतलब नहीं रह गया था. 

अंकिता को बाद में अपने दोस्तों और परिवार में उन महिलाओं को देखकर हिम्मत मिली, जो इस दर्द से गुजर चुकी थीं. उन्होंने लिखा, ''इस फैक्ट ने मेरा दर्द तो कम नहीं किया लेकिन इससे मैं यह समझ गई कि इसमें मैं अकेले नहीं हूं. मैं भी इस दर्द से बाहर आ जाऊंगी''. 

हालांकि, अंकिता के लिए चीजें उस वक्त ज्यादा खराब हो गईं जब उन्हें उनके मिसकैरेज की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा और लोग कहने लगे कि ''उनके साथ ऐसा ही होना चाहिए था''. अंकिता ने कहा कि उन्हें जवाब तो नहीं मिला कि उनका बच्चा उनसे क्यों छीना गया लेकिन जब उनकी बेटी मेहर का जन्म हुआ तो उन्होंने इस भगवान की कृपा माना. उन्होंने लिखा ''और जब भी मैं अपनी बेटी को गोद में उठाती हूं तो मैं केवल भगवान को शुक्रियाअदा ही कह पाती हूं''.

अंकिता ने अंत में लिखा, ''रोएं... तेज आवाज में रोएं या फिर चुपचाप रोएं. अपने पार्टन के साथ रोएं या फिर कभी अकेले बाथरूम में रोएं... गाड़ी चलाते हुए रोएं या फिर खाना बनाते हुए... बस रोएं क्योंकि इससे आपको बेहतर महसूस होता है.''  

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