Brain Health: शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखना भी बेहद जरूरी है. यदि मानसिक रूप से व्यक्ति दुरुस्त नहीं होगा तो उसका असर उसके पूरे शरीर पर नजर आने लगता है. वहीं, व्यक्ति की ऐसी कई छोटी-बड़ी आदतें हैं जो दिमाग को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं. इन आदतों से ब्रेन डैमेज तो होता ही है, साथ ही याद्दाश्त में कमी देखी जाती है. ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी है कि आपकी दिनचर्या में ये आदतें शुमार ना हों. यहां जानिए दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाली हैबिट्स (Bad Habits) के बारे में जिनसे खासा परहेज करना जरूरी होता है.
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ब्रेन डैमेज का कारण बनने वाली आदतें | Habits That Cause Brain Damage
नींद की कमीनींद की कमी दिमागी सेहत (Brain Health) को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है. अगर आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो इससे मूड स्विंग्स होने लगते हैं, याद्दाश्त कम हो सकती है और धीरे-धीरे ब्रेन डैमेज होने लगता है. नींद की कमी से ब्रेन फॉग भी महसूस हो सकता है. इसीलिए ब्रेन डैमेज से दूर रहने के लिए पूरी नींद लेना जरूरी होता है.
दिमाग के लिए नुकसानदायक आदतों में धुम्रपान भी शामिल है. धुम्रपान करने पर दिमागी दिक्कतों की संभावना बढ़ने लगती है. इससे स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है.
अगर आपका लाइफस्टाइल एक्टिव नहीं है तो ब्रेन डैमेज की संभावना बढ़ती है. एक्टिव लाइफस्टाइल से दिमाग भी चुस्त रहता है, वहीं अगर व्यक्ति ज्यादा हिलता-डुलता नहीं है, एक्सरसाइज नहीं करता और हर समय बस एक ही जगह पर बैठे-बैठे समय काटता है तो दिमाग को नुकसान हो सकता है.
खानपान अच्छा ना हो तो शरीर में पोषण की कमी होने लगती है. यह पोषण की कमी दिमाग के लिए भी नुकसानदायक होती है. अगर व्यक्ति बहुत ज्यादा चिप्स, बर्गर, सोफ्ट ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करता रहता है तो दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
अगर जरूरत से ज्यादा तेज गाना सुनना कानों के लिए ही नहीं बल्कि दिमाग के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है. इससे याद्दाश्त कम (Memory Loss) होने की दिक्कत होती है और बहुत से लोगों को मेमोरी लॉस भी हो सकता है. इसीलिए कम आवाज में गाना सुनना ही ब्रेन हेल्थ के लिए अच्छा होता है.
हर समय व्यक्ति नकारात्मक बातें सोचता है, तनाव में रहता है या उसे एंजाइटी होती रहती है तो इससे भी दिमाग को नुकसान होने लगता है. दिमाग में अंदर ही अंदर क्षति होने लगती है और मानसिक दिक्कतों में इजाफा होता है.
अकेले रहनाहर समय अकेले रहने पर दिमागी दिक्कतें बढ़ती हैं. व्यक्ति अगर जरूरत से ज्यादा समय अकेले रहता है तो उसके दिमाग में नकारात्मक बातें भी आने लगती हैं, इससे दिमाग की सेहत पर असर पड़ता है, एंजाइटी बढ़ती है और अवसाद की संभावना बढ़ती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.