Ayurvedic remedy for kidney stone: किडनी स्टोन की समस्या आज के समय में बेहद आम होती जा रही है. इसे पथरी भी कहा जाता है. पथरी तब होती है, जब यूरिन में मौजूद मिनरल और सॉल्ट जरूरत से ज्यादा मात्रा में हो जाते हैं. इस कंडीशन में ये जमा होकर छोटे-छोटे पत्थर बन जाते हैं और गुर्दे (Kidney), मूत्राशय (Bladder) या मूत्रमार्ग (Urethra) में जमा होने लगते हैं. वहीं, बॉडी में जमा होते इन पत्थरों के चलते पीड़ित को समय-समय पर असहनीय दर्द से जूझना पड़ता है. हालांकि, एक अच्छी बात यह है कि दवाओं से अलग कुछ नेचुरल तरीके अपनाकर भी पथरी की समस्या से राहत पाई जा सकती है. यहां हम आपको एक ऐसे ही खास आयुर्वेदिक तरीके के बारे में बता रहे हैं.
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कैसे ठीक करें पथरी की परेशानी?
मामले को लेकर न्यूट्रिशनिस्ट किरण कुकरेजा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में उन्होंने एक 500 साल पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा बताया है. पोषण विशेषज्ञ बताती हैं कि ये नुस्खा बॉडी को क्लीन करने और खासकर पथरी की समस्या से छुटकारा दिलाने में बेहद असरदार हो सकता है.
इसके लिए न्यूट्रिशनिस्ट बार्ली वाटर यानी जौ का पानी पीने की सलाह देती हैं. किरण कुकरेजा बताती हैं, ये एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है जो शरीर की आंतरिक सफाई करने, गुर्दे की पथरी और यूटीआई से राहत दिलाने में असर दिखा सकता है. इस पानी को पीने से विषाक्त पदार्थों खुद बॉडी से बाहर आने लगते हैं.
- इसके लिए आपको 2 टेबलस्पून साबुत जौ (जौ के दाने), 2.5 से 3 कप पानी और 2-3 तुलसी के पत्ते (यदि मूत्र संक्रमण है), 1/2 नींबू का रस, या चुटकी भर सेंधा नमक की जरूरत होगी.
- सबसे पहले जौ को 2-3 बार अच्छे से धो लें ताकि सारी गंदगी निकल जाए.
- इसके बाद एक पैन में 2.5 से 3 कप पानी डालें और उसमें धोया हुआ जौ डालें.
- मध्यम आंच पर 20-25 मिनट तक उबालें, जब तक पानी हल्का गाढ़ा और जौ नरम न हो जाएं.
- थोड़ा ठंडा होने दें, फिर छानकर पानी अलग कर लें.
- आखिर में स्वाद के लिए नींबू का रस या सेंधा नमक मिला सकते हैं.
- अगर आपको पथरी के साथ मूत्र संक्रमण भी है, तो पानी उबालते समय आप इसमें 2-3 तुलसी के पत्ते भी डाल सकते हैं.
डॉक्टर किरण से अलग कई अन्य हेल्थ रिपोर्ट्स भी जौ के पानी को पथरी में फायदेमंद बताती हैं. बार्ली वाटर में मौजूद विटामिन B6 और मैग्नीशियम कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी को तोड़ने में मदद करते हैं. इससे अलग जौ का पानी मूत्र की मात्रा बढ़ाकर शरीर से इन टॉक्सिन को बाहर निकालने में असर दिखाता है.
ऐसे में आप सुबह खाली पेट इस पानी को पी सकते हैं. हालांकि, एक दिन में केवल 1-2 गिलास जौ का पानी ही पिएं. वहीं, अगर आपको ग्लूटेन से एलर्जी है, तो बार्ली वाटर से परहेज करें. गर्भवती महिलाएं या कोई विशेष हेल्थ कंडीशन वाले लोग इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.