Healthy Tips: लाइफस्टाइल में गड़बड़ी हो और खानपान सही ना हो तो पेट से जुड़ी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं. पेट और आंतों में गंदगी या टॉक्सिंस जमने लगते हैं. इन टॉक्सिंस (Toxins) के कारण ये ऑर्गन सही तरह से काम नहीं कर पाते हैं और खाना पचने में दिक्कत होने लगती है. व्यक्ति को कब्ज जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, हमेशा ही पेट फूला रह सकता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की संभावना बढ़ती है सो अलग. ऐसे में डॉक्टर शालिनी सिंह सालुंके ने बताया किस तरह पेट और आंतों की सफाई की जा सकती है. डॉक्टर ने बताया कि लाइफस्टाइल में कुछ आदतों को अपनाकर और इन जरूरी बातों को ध्यान में रखने पर शरीर से गंदगी खुद ब खुद निकल जाती है. इस रूटीन से सेहत भी अच्छी रहेगी.
पेट और आंतों की सफाई कैसे करें
डॉक्टर बताती हैं कि ज्यादातर दिक्कतें पेट और आंतों में गंदगी के कारण होती हैं जैसे एनर्जी कम होना, मूड बदलते रहना, याद्दाश्त कम होना और मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाना वगैरह. ऐसे में दिनचर्या की कुछ आदतें पेट और आंतों (Intestines) को बेहतर तरह से साफ करने में मददगार साबित होंगी.
शरीर से गंदे टॉक्सिंस बाहर निकलने लगें इसके लिए सुबह की शुरुआत गुनगुने पानी से की जा सकती है. गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पिएं. यह नेचुरल डिटॉक्सिफायर है और शरीर के एल्कलाइन को बैलेंस करता है.
फाइबर से भरपूर फूड्स गट हेल्थ (Gut Health) को बनाए रखते हैं. ऐसे में फाइबर फूड्स को डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए. एक दिन में 25 से 30 ग्राम फाइबर खानपान में शामिल करना जरूरी है. फल, सब्जियों, चिया सीड्स, अलसी के बीजों और पूर्ण अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है.
खानपान में फर्मेंटेड फूड्स शामिल करने पर पेट और आंतों की सफाई हो जाती है. केफिर, ढोकला और इडली जैसे फूड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं. ये फूड्स पेट साफ (Clean Stomach) करने में मदद करता हैं.
पिएं ढेर सारा पानी
शरीर से कचरा बाहर निकालने के लिए पानी की जरूरत होती है. इसीलिए दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर के अंदर जमा गंदगी फ्लश होकर शरीर से बाहर निकलना शुरू हो जाती है. इससे बॉडी में हाइड्रेशन भी बनी रहती है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग से दिखेगा फायदागट को रीसेट करने के लिए 12 से 15 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग की जा सकती है. इंटरमिटेंट फास्टिंग से पेट की सेहत तो अच्छी रहती ही है, साथ ही वजन कम होने में इसके फायदे नजर आते हैं सो अलग. वेट मैनेजमेंट के लिए और पेट की दिक्कतों को दूर करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग की जा सकती है.