Children's Health: माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे की सेहत हमेशा अच्छी रहे. ना सिर्फ फिजिकल हेल्थ बल्कि बच्चे की मेंटल हेल्थ पर भी पैरेंट्स का खास ध्यान रहता है. लेकिन, कई बार जाने-अनजाने किए गए कुछ काम या फिर कुछ आम आदतें (Bad Habits) ही बच्चे के दिमाग को डैमेज करने का काम करती हैं. इस बारे में बता रही हैं चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट श्वेता गांधी. श्वेता ने बताया कि किन बातों का ध्यान रखने पर बच्चे की दिमागी सेहत अच्छी रखी जा सकती है. तो चलिए बिना देरी किए एक्सपर्ट से ही जानते हैं ब्रेन डैमेज को रोकने के लिए क्या करें.
बच्चे का ब्रेन डैमेज करती हैं ये आदतें
जरूरत से ज्यादा शुगर - एक्सपर्ट ने बताया कि बच्चे को जरूरत से ज्यादा शुगर देने पर उसे ADHD यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसोर्डर हो सकता है.
एक्सेस स्क्रीन - अगर बच्चे को जरूरत से ज्यादा स्क्रीन के सामने बिठाया जाए तो इससे उसे एंजाइटी हो सकती है.
चिल्लाना - बच्चे पर बहुत ज्यादा चिल्लाया जाए तो उसमें डर बैठने लगता है. इससे बच्चे का लर्निंग प्रोसेस (Learning Process) धीमा होता है और उसे कुछ भी सीखने में दिक्कत होती है.
बाहर ना खेलने देना - जब बच्चे को बाहर खेलने नहीं दिया जाता है तो इससे ब्रेन ग्रोथ पर असर पड़ता है. बच्चे के दिमाग में क्रिएटिविटी आएगी ही नहीं.
देर से सोना - अगर बच्चा रात में देर से सोता है तो इससे उसके फोकस पर असर पड़ता है. बच्चे को फोकस करने में मुश्किल आती है.
- बच्चे की ब्रेन डेवलपमेंट (Brain Development) के लिए उसे ब्रेन बूस्टिंग न्यूट्रिशन से भरपूर फूड्स दें. बच्चे के खानपान में सूखे मेवे, फल, सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर फूड्स शामिल करें जिससे फोकस बढ़े और बच्चे का मूड भी अच्छा रहे.
- बच्चे को रोजाना कुछ अच्छा बताएं, अच्छा लिखने के लिए कहें और पॉजिटिविटी बढ़ाने के लिए ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस करवाएं.
- कहानियां पढ़ें और बच्चे के साथ डिस्कस करें. इससे बच्चे को कैरेक्टर्स के बारे में जानकर उनके लिए उदारता आएगी, बच्चे की भाषा सुधरेगी और क्रिटिकल थिंकिंग बेहतर होने में भी मदद मिलेगी.
- बच्चे को कुछ लक्ष्य दें. वह जिन लक्ष्यों को पूरा कर सके वही गोल्स सेट करें. इससे बच्चों की मोटिवेशन बढ़ती है और कोंफिडेंस भी बढ़ता है.
- बच्चे की ब्रेन डेवलपमेंट अच्छी हो इसके लिए उसे प्रोब्लम सोल्विंग गेम्स खेलने के लिए कहें. बच्चे को पजल्स दें और ब्रेन टीजर्स प्रैक्टिस करवाएं. इससे क्रिटिकल थिंकिंग और फोकस बढ़ता है.