पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं ये 4 योगासन, पेट की गैस से लेकर कब्ज तक की दिक्कत से मिल जाएगा छुटकारा 

ऐसे कई योगासन हैं जो पेट की सेहत को दुरुस्त रखते हैं. यदि रोजाना सही तरह से ये योगा पोज किए जाएं तो पेट की आम दिक्कतें दूर रहती हैं और पाचन शक्ति मजबूत बनती है सो अलग.

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पेट को कई तरह से फायदे देते हैं ये योगासन. 
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Yoga Poses: पाचन तंत्र कमजोर हो तो आएदिन पेट से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं. ऐसे में प्राकृतिक तौर पर पाचन शक्ति को मजबूत बनाने के लिए योगा की जा सकती है. योगा करने पर ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक फायदे भी मिलते हैं. वहीं, ऐसे कई योगासन हैं जिनका सीधा असर पेट पर दिखता है जिससे पाचन तो बेहतर होता ही है साथ ही पेट से जुड़ी आम दिक्कतें जैसे पेट की गैस, ब्लोटिंग, एसिडिटी और कब्ज की दिक्कत से निजात मिलती है सो अलग. कई बार तनाव के कारण भी पेट की परेशानियां (Stomach Problems) हो जाती हैं. ऐसे में भी योगा करने के फायदे नजर आते हैं. यहां ऐसे योगासन दिए गए हैं जो पेट की दिक्कतों से हर दूसरे दिन परेशान रहने वाले लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. 

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पेट की दिक्कतों के लिए योगासन | Yoga Poses For Stomach Problems

अर्ध पवनमुक्तासन 

पेट से गैस निकालने वाले अर्ध पवमुक्तासन को करना बेहद आसान है. इस योगा को करने के लिए जमीन पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं. इसके बाद अपने एक पैर को नीचे ही लेटाकर रखें और दूसरे को घुटने से मोड़कर हवा में उठाएं और हाथ से पकड़कर अपनी तरफ खींचें. इस पोज को 1 से 2 मिनट तक होल्ड करने के बाद छोड़ दें. दूसरे पैर के साथ भी इस योगा को दोहराएं. 

धनुरासन 

धनुरासन (Dhanurasana) करने पर शरीर की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए यह योगासन खासतौर से अच्छा है. मैट बिछाकर पेट के बल लेटें. अब अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर ऊपर उठाते हुए सिर के पास तक लेकर आएं और दोनों हाथों को पीछे ले जाकर पैरों के तलवे पकड़ लें. इस आसन में पेट का हिस्सा जमीन से लगा रहेगा और बाकी शरीर ऊपर उठा नजर आएगा. धनुरासन करने पर शरीर धनुष जैसा प्रतीत होता है. कुछ देर योगासन होल्ड करने के बाद सामान्य हो जाएं. इससे पाचन तंत्र को फायदा मिलता है और रिलैक्स्ड फील होने लगता है. 

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उत्तानासन 

पाचन क्रिया (Digestion) को बेहतर करने के लिए उत्तानासन किया जाता है. इससे शरीर की लचकता भी बढ़ती है और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. सबसे पहले सीधी खड़े होकर हाथों को कमर पर रखा जाता है. इसके बाद आगे की तरफ झुकते हैं और हाथों को पैरों के पंजों तक लेकर जाएं. शरीर जितना झुक पा रहा हो उतना ही झुकाएं, शुरूआत में ज्यादा खींचातानी ना करें. गहरी सांस लें, मुद्रा को होल्ड करें और फिर सामान्य हो जाएं. 

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शवासन 

पेट की दिक्कतों का एक बड़ा कारण तनाव हो सकता है. ऐसे में शवासन करने पर पेट को फायदा मिलता है. इस आसन को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. आंखें बंद रखें और दोनों पैरों को अलग-अलग फैला लें और हाथों को भी शरीर के दोनों ओर फैला लें. हथेलियों को खुला रखें और धीमी सांस लेते रहें. शरीर और सांस पर फोकस करें और 10 से 12 मिनट तक इस आसन को करते रहें. इसके बाद धीरे-धीरे उठकर बैठें और आंखें खोलें. शवासन (Shavasana) से रक्तचाप कम होने में फायदा दिखता है, एकाग्रता बढ़ती है, तनाव हटता है, अनिद्रा, सिरदर्द और थकान जैसी दिक्कतें दूर होती हैं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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