Everest Climb: माउंट एवरेस्ट चढ़ने की है ख्वाहिश? जान लीजिए एक व्यक्ति पर कितना आता है खर्चा

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) हर पर्वतारोही का सपना होता है. लेकिन इस सपने तक पहुंचना आसान नहीं है. हिम्मत और ट्रेनिंग तो चाहिए ही, साथ में जेब भी बहुत ढीली करनी पड़ती है.

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काठमांडू से लुक्ला तक फ्लाइट और बेस कैंप तक ट्रेकिंग पर 1.7 से 4.2 लाख रुपये तक खर्च आता है.

Everest climbing cost : माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है और हर पर्वतारोही का सपना होती है इसे फतह करना, लेकिन यह सपना सिर्फ हिम्मत और मेहनत से पूरा नहीं होता, इसके लिए खर्च (cost) भी करना पड़ता है. एवरेस्ट चढ़ने का खर्चा हर व्यक्ति पर अलग हो सकता है – कुछ लोग 30 लाख रुपये में चढ़ाई पूरी कर लेते हैं, तो कुछ का खर्च 1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है. इसमें परमिट, शेरपा गाइड, हाई-एल्टीट्यूड गियर, ऑक्सीजन, ट्रैवल, ट्रेनिंग और बेसिक से प्रीमियम पैकेज तक शामिल होते हैं. यानी एवरेस्ट केवल एक पहाड़ नहीं, बल्कि एक लंबा और महंगा मिशन है, जिसमें पैसे, मेहनत और सही योजना दोनों की जरूरत होती है.

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परमिट और जरूरी शुल्क

नेपाल सरकार विदेशी पर्वतारोहियों से एवरेस्ट चढ़ाई का परमिट करीब 11,000 डॉलर यानी 9.2 लाख रुपये में देती है. इसके अलावा प्रदूषण शुल्क 50,000 रुपये और रिफंडेबल कचरा शुल्क 3.3 लाख रुपये देना पड़ता है.

शेरपा गाइड और सपोर्ट स्टाफ

हर पर्वतारोही के साथ एक शेरपा गाइड होना जरूरी है, जिसका खर्च 5,000 से 10,000 डॉलर (4.2 से 8.4 लाख रुपये) पड़ता है. कई बार अतिरिक्त शेरपाओं की भी जरूरत पड़ती है. इसके अलावा लायजन ऑफिसर का खर्च 2.1 लाख रुपये और रस्सी बिछाने का चार्ज 17,000 रुपये है.

उपकरण और ऑक्सीजन का खर्च

चढ़ाई के लिए हाई-एल्टीट्यूड गियर और बोतलबंद ऑक्सीजन सबसे बड़ा खर्च हैं. इनकी कीमत 5,000 से 15,000 डॉलर (4.2 से 12.5 लाख रुपये) तक होती है. एक ऑक्सीजन सिलेंडर 500 से 1,000 डॉलर में आता है और हर पर्वतारोही को औसतन 4 से 6 सिलेंडर चाहिए होते हैं.

ट्रैवल और ट्रेनिंग

काठमांडू से लुक्ला तक फ्लाइट और बेस कैंप तक ट्रेकिंग पर 1.7 से 4.2 लाख रुपये तक खर्च आता है. वहीं,  चढ़ाई से पहले 6-12 महीने की शारीरिक और तकनीकी ट्रेनिंग जरूरी है, जिसकी लागत 4.2 से 8.4 लाख रुपये तक हो सकती है.

बेसिक और प्रीमियम पैकेज

बेसिक पैकेज 35,000 डॉलर यानी करीब 30 लाख रुपये से शुरू होता है. इसमें परमिट, बेसिक गाइड और जरूरी सामान शामिल है. प्रीमियम पैकेज 100,000 डॉलर (करीब 84 लाख रुपये) तक जाता है. खास अभियानों में यह खर्च 1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.

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भारतीय पर्वतारोहियों के ताजा उदाहरण

2023 में मध्य प्रदेश के आशीष सिंह ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था. उनका खर्च करीब 40 लाख रुपये आया. तमिलनाडु की मुथमिज़ सेल्वी, जो पहली तमिल महिला बनीं जिन्होंने एवरेस्ट फतह किया, ने बताया कि उनका खर्च 50 लाख रुपये से ज्यादा हुआ.

क्यों है एवरेस्ट इतना महंगा?

एवरेस्ट सिर्फ पहाड़ नहीं, बल्कि एक लंबा और खतरनाक मिशन है. बेस कैंप तक पहुंचने में ही कई दिनों की ट्रेकिंग लगती है. उसके बाद मौसम का इंतजार, शरीर को ऊंचाई पर एडजस्ट करना और लगभग दो महीने की पूरी यात्रा इसे बेहद कठिन और महंगा बना देते हैं.

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पर्वतारोहण से पहले बरती जाने वाली जरूरी सावधानियां
  • चढ़ाई से पहले 6-12 महीने की ट्रेनिंग अनिवार्य है.
  • मई का महीना सबसे सही माना जाता है.
  • ये अभियान जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए भरोसेमंद ट्रैवल पार्टनर्स या कंपनियों को ही चुनें.
  • हेल्थ, बीमा और इमरजेंसी प्लान पहले से तैयार रखें क्योंकि एवरेस्ट पर रिस्क हमेशा बना रहता है.

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