बिहार में पहली बार कब पहुंची ट्रेन और कहां बना था पहला रेलवे स्टेशन?

बिहार जैसे बड़े और ऐतिहासिक राज्य तक रेल पहुंचने में पूरे 9 साल लग गए. लेकिन जब पहली बार यहां ट्रेन आई, तो वो पल इतिहास में दर्ज हो गया और लोगों के लिए किसी बड़े उत्सव से कम नहीं था.

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नई दिल्ली:

First Railway Station: भारत में रेलवे का इतिहास 1853 से शुरू होता है, जब पहली बार मुंबई (तब बंबई) से ठाणे के बीच ट्रेन दौड़ी थी. इस ऐतिहासिक घटना के बाद धीरे-धीरे रेलवे का नेटवर्क पूरे देश में फैलने लगा. रेल न केवल परिवहन का साधन बनी, बल्कि इसने व्यापार, उद्योग और सामाजिक जीवन को भी गहराई से प्रभावित किया.बिहार जैसे बड़े और ऐतिहासिक राज्य तक रेल पहुंचने में पूरे 9 साल लग गए. लेकिन जब पहली बार यहां ट्रेन आई, तो वो पल इतिहास में दर्ज हो गया और लोगों के लिए किसी बड़े उत्सव से कम नहीं था.

बिहार में पहली ट्रेन की शुरुआत

बिहार में पहली ट्रेन वर्ष 1862 में पहुंची थी. उस समय ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी पूरे उत्तर भारत में रेल लाइन बिछाने का काम कर रही थी. इसी क्रम में हावड़ा से बनारस होकर रेल लाइन को पटना तक बढ़ाया गया. यही वो पल था जब बिहार पहली बार रेलवे से जुड़ा और लोगों को आधुनिक परिवहन का नया साधन मिला. उस दौर में ट्रेन को देखकर लोग अचरज में पड़ जाते थे, क्योंकि ये उनके लिए बिल्कुल नई और अनोखी चीज थी.

पहला रेलवे स्टेशन – पटना जंक्शन

बिहार का पहला रेलवे स्टेशन पटना जंक्शन था, जिसे 1862 में ही बनाया गया. पटना शहर गंगा नदी के किनारे बसा होने के कारण व्यापार और प्रशासनिक दृष्टि से पहले से ही महत्वपूर्ण था. जब इसे रेल नेटवर्क से जोड़ा गया तो ये और भी बड़ी पहचान हासिल कर गया. पटना जंक्शन की स्थापना ने न केवल बिहार की राजधानी को बल्कि आसपास के इलाकों को भी राष्ट्रीय धारा से जोड़ दिया.

इसके साथ ही, उसी समय आरा और दानापुर स्टेशन भी विकसित किए गए थे. लेकिन पटना जंक्शन का महत्व सबसे ज्यादा था क्योंकि ये रेलवे की मुख्य धुरी बन गया. बाद में गया, बख्तियारपुर, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे शहरों तक भी रेल लाइन पहुंचाई गई, जिसने पूरे राज्य को धीरे-धीरे एक व्यापक नेटवर्क में बदल दिया.

रेल आने का प्रभाव

बिहार में ट्रेन की शुरुआत का सबसे बड़ा असर व्यापार और कृषि पर पड़ा. गंगा किनारे की उपजाऊ भूमि से निकले धान, गन्ना, तंबाकू और अन्य फसलों को अब आसानी से दूसरे शहरों और राज्यों में भेजा जाने लगा. इससे किसानों और व्यापारियों दोनों को लाभ हुआ.

शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी रेलवे का बड़ा योगदान रहा. पहले जहां लोगों को लंबी यात्राएं बैलगाड़ी या नाव से करनी पड़ती थीं, वहीं अब ट्रेन से कुछ घंटों में ही दूर-दराज के शहर पहुंचा जा सकता था. इससे छात्रों के लिए बड़े शहरों में पढ़ाई करना और कामगारों के लिए रोजगार की तलाश करना आसान हुआ. राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी रेलवे का आगमन बिहार के लिए महत्वपूर्ण रहा. ये राज्य देश की स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों से और गहराई से जुड़ गया. नेताओं और विचारकों के लिए यात्रा करना सरल हो गया, जिससे आंदोलनों को व्यापक समर्थन मिला.

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