अब्दुल कलाम ने इस कॉलेज से की थी पढ़ाई, जानें कैसे बने साइंटिस्ट

देश के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक के तौर पर जाने जाते हैं. जानिए उनकी पढ़ाई कहां हुई और वो वैज्ञानिक कैसे बने.

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नई दिल्ली:

Dr. APJ Abdul Kalam College: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को लोग आज भी बड़े सम्मान और गर्व के साथ याद करते हैं. उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है क्योंकि उन्होंने देश को मिसाइल और परमाणु शक्ति से मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन कलाम सिर्फ वैज्ञानिक ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसे राष्ट्रपति भी रहे जिन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा गया. उनकी सादगी, देश के प्रति समर्पण और युवाओं के लिए दिए गए प्रेरणादायक विचार आज भी हर किसी को मोटिवेट करते हैं. यही वजह है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उनके जीवन से जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते हैं, जैसे कि उन्होंने किस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की या उनकी वैज्ञानिक यात्रा कहां से शुरू हुई.

बचपन से ही पढ़ाई में तेज

डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में हुआ था. घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन उन्होंने मेहनत करके अपनी पढ़ाई जारी रखी. बचपन से ही वे पढ़ाई में बहुत होशियार थे.

मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग

डॉ. कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई खत्म करने के बाद, साल 1958 में वे डीआरडीओ से जुड़ गए और यहीं से उनकी वैज्ञानिक यात्रा शुरू हुई.

भारत को मिसाइल और परमाणु शक्ति दी

कुछ साल बाद वे इसरो में परियोजना निदेशक बने. उनकी अगुवाई में एसएलवी-3 रॉकेट डिजाइन हुआ और भारत ने अपना पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान लॉन्च किया. बाद में उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके तहत अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें बनीं. 1998 में हुए पोखरण-2 परमाणु परीक्षण में भी उनकी भूमिका बेहद अहम रही. इसी वजह से उन्हें देश का राष्ट्रीय नायक माना गया.

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