देश में इंजीनियरिंग कालेजों को अब ‘नेशनल बोर्ड आफ एक्रेडिटेशन' (एनबीए) द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी क्योंकि यह भूमिका अब एक नयी कंपनी आईआईटी फाउंडेशन फॉर एक्रेडिटेशन एंड असेसमेंट (आईएफएए) द्वारा निभायी जाएगी. कंपनी की स्थापना हाल में की गई थी जिसमें आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर संस्थापक साझेदार हैं. कंपनी को एक सीईओ की तलाश है.
एक वरिष्ठ अधिकारी एवं आईआईटी परिषद के एक सदस्य ने कहा, ‘‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मान्यता के प्रयोजन के लिए कंपनी कानून, 2013 के तहत एक सेक्शन..8 कंपनी का गठन प्रस्तावित किया था जिसमें आईआईटी और आईआईएम की हिस्सेदारी हो. आईएफएए के नाम से एक कंपनी की स्थापना की गई है. कंपनी मान्यता की प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास करेगी.''
अधिकारी ने कहा कि सीईओ की नियुक्ति आईआईटी की वर्तमान फैकल्टी या सेवानिवृत्त फैकल्टी में से की जाएगी और वह कंपनी के समग्र संचालन, शैक्षिक, प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों के लिए जिम्मेदार होंगे.
साथ ही वह आकलन के लिए एक उद्देश्यपूर्ण रूपरेखा विकसित करेंगे जो कि इंजीनियरिंग एवं विज्ञान शिक्षा प्रदान करने वाले कालेज एवं विश्वविद्यालयों को मान्यता देने की जिम्मेदारी निभाएगी.
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