दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (IHBAS) को निर्देश दिया कि वह यथाशीघ्र संकाय व चिकित्सा कर्मियों के रिक्त पदों को भरे. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एक पीठ ने यह निर्देश तब दिया जब संस्थान के वकील तुषार सानू ने अदालत को बताया कि 45 संकाय कर्मियों की भर्ती के लिये मंगलवार को विज्ञापन जारी किया गया है.
यह प्रतिवेदन अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से देश में बढ़ते “मनोरोग और मनोवैज्ञानिक मामलों से प्रभावी और कुशलता से निपटने के लिये” इहबास में खाली पदों को भरने की मांग की थी.
संस्थान की तरफ से वकील द्वारा दिये गए जवाब के बाद अदालत ने मामले को निस्तारित करते हुए संस्थान से कहा कि वह भर्ती प्रक्रिया को कानून, नियमों और सरकार की नीतियों के मुताबिक यथाशीघ्र संभव व व्यवहारिक रूप से तेजी से भरे.
साहनी ने अपनी दलील में दावा किया था कि मनोचिकित्सा संबंधी विकार वाले रोगियों या जिन्हें क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक उपचार की आवश्यकता होती है, वे IHBAS में चिकित्सा और अन्य कर्मचारियों की तीव्र कमी के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
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